बदायूँ शिखर

बदायूँ: 17 जुलाई। नदियां पशु, पक्षियों एवं इंसानों की प्यास बुझाकर खेतों को हरियाली देकर अपनी उपस्थिति का एहसास कराती रही हंै। जीवनदायनी सोत नदी जीर्णोद्वार न होने से विलुप्त होने के कगार पर पहुंच चुकी है। सोतनदी को उसका अस्तित्व लौटाने के क्रम में श्रमदान के अन्तर्गत सफाई कार्य चल रहा है। नदी का जल स्तर बढ़े इसके लिए भी कार्य चल रहा है। इसके अलावा जेसीबी से भी खुदाई कार्य कराया जा रहा है, जिससे अब लुप्त हो चुकी सोत नदी पुनः जीवित होगी। इस लिए ज्यादा से ज्यादा लोग श्रमदान कर कार्य कर रहे हैं। डीएम ने मौके पर पहुंचकर श्रमदान करने वालों को प्रोत्साहन राशि भी भेंट की।
शुक्रवार को जिलाधिकारी कुमार प्रशान्त ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार त्रिपाठी एवं अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व नरेन्द्र बहादुर सिंह के साथ लालपुल  स्थित सोतनदी में श्रमदाना अन्तर्गत चल रहे सफाई कार्य का निरीक्षण किया। सोतनदी जिन ब्लाकों से गुजरेगी उन सभी स्थानों पर श्रमदान किया गया। उन्होंने कहा कि नदी की सफाई के साथ ही नदी में जहां सिल्ट है वहां सफाई होगी और आवश्यकता पड़ने पर खुदाई भी होगी। नदियों की किनारों को सुरक्षित करने के लिए दोनों तरफ पौधे रोपे जाएंगे। इससे हरियाली तो आएगी ही नदियों में कटान नहीं होगी। बरसात में नदियों में कटान होने से खेतों की मिट्टी नदी में समाहित हो जाती है। इसी मिट्टी को निकाल कर नदी के किनारे पटरी बनाई जाएगी और पौधरोपण कराया जाएगा।
उन्होंने कहा कि सभी लोग मास्क लगाकर एवं दूरी बनाकर कार्य करें। कोरोना काल में जरा सी लापरवाही जीवन के लिए घातक बन सकती है। कोरोना बचाव के लिए बताए गए नियमों का पूर्णतया पालन करें। फिजीकल डिस्टेंस का पालन खुद भी करें और दूसरों को भी कराएं, तभी इस महामारी से बचा जा सकता है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी को रोकने के लिए फिजीकल डिस्टेंसिंग का पालन करना ही प्रभावी उपाय है। खांसते, छींकते समय मुंह को रूमाल व टिश्यू से ढकें। हाथों को समय-समय पर साबुन से धोते रहे या सेनीटाइजर से साफ करें। मुंह ढकने के लिए मास्क, गमछा, तौलिया, दुपट्टा या रुमाल का प्रयोग करें, बुर्जुगों एवं बच्चों का विशेष ध्यान रखे।

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