बदायूँ (सू0वि0)।  प्रभारी सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण/ प्रभारी सिविल जज (सी0डि0) ने अवगत कराया कि उ०प्र० राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के एवं जनपद न्यायाधीश /अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बदायूँ के द्वारा दिये गये निर्देशों के तत्क्रम में राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ द्वारा 08, मार्च 2021 को सम्पूर्ण भारत में महिला दिवस के रूप में मनाया जायेगा तथा इसको महिला पखवारा के रूप में इस पर्व को महिला सशक्तीकरण व महिलाओं के अधिकारों के प्रति जागरूकता तथा महिलाओं के हितार्थ कल्याणकारी कार्य को समर्पित करने हेतु आयोजित किया जायेगा।
इस सन्दर्भ में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बदायूँ द्वारा जनपद में 08 मार्च, 2021 को महिला दिवस का आयोजन महिला पखवारा के रूप में इस पर्व को महिला सशक्तीकरण व महिलाओं के अधिकारों के प्रति जागरूकता तथा महिलाओं के हितार्थ कल्याणकारी कार्य को समर्पित करने हेतु किया जायेगा। इस अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बदायूँ द्वारा 06 मार्च 2021 को समय अपरान्ह 01ः30 बजे से जनपद न्यायालय परिसर बदायूँ में स्थित केन्द्रीय सभागार में राजकुमार-तृतीय, नोडल अधिकारी, (लोक अदालत/ विधिक जागरूकता एवं न्यायिक प्रबन्धन)/विशेष न्यायाधीश, पाक्सो एक्ट बदायूँ की अध्यक्षता में महिला सशक्तीकरण/जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया।
इस शिविर में उपस्थित शान्तनु सिंह, अपर सिविल जज (जू०डि०), न्यायालय संख्या -7, बदायूँ के द्वारा उपस्थित महिलाओं को उनके विधिक अधिकारों को विस्तार से बताकर जागरूक कराया । इस शिविर में उपस्थित कुन्दन किशोर, प्रभारी सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण/ प्रभारी, सिविल जज (सी०डि०), बदायूँ द्वारा उपस्थित महिलाओं एवं बालिकाओं को बताया कि बिना महिला के कोई घर सम्पन्न नहीं है, महिलाओं को भारत में भातृ शक्ति के रूप में जाना जाता है, राष्ट्र में महिलाओं में से ही पूर्व प्रधान मंत्री इन्दिरा गांधी, कल्पना चावला के द्वारा अमरीकी अंतरिक्ष शटल मिशन विशेषज्ञ थी एवं बछेद्री पाल माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली प्रथम महिला थीं, उन्होने बताया कि पुराने परिवेश में ग्रामीण समाज में माता-पिता अपनी-अपनी पुत्रियों को पढ़ाना नहीं चाहते थे, परन्तु आज के ग्रामीण समाज द्वारा अपनी-अपनी पुत्रियों को शिक्षा ग्रहण कराई जा रही है। इस शिविर में इस कार्यक्रम के अध्यक्ष, राजकुमार – तृतीय, नोडल अधिकारी, ( लोक – अदालत ध् विधिक जागरूकता एवं न्यायिक प्रबन्धन )/विशेष न्यायाधीश, पाक्सो एक्ट बदायूँ द्वारा सभी उपस्थित महिलाओं को उनके विधिक अधिकारों के विषय में विस्तार से बताया, उन्होंने यह भी बताया कि बिना महिला के कोई भी घर नहीं चल सकता, महिलायें आज के युग में पुरूषों से कम नहीं हैं। इस अवसर पर पीयूष मूलचन्दानी, अपर सिविल जज (जू०डि०), न्यायालय संख्या -6, बदायूँ भी उपस्थित रहे। इसके उपरान्त इस कार्यक्रम के अध्यक्ष की अनुमति से इस शिविर का सभी का आभार व्यक्त करते हुए समापन किया गया।

 

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