वॉशिंगटन, एजेंसी : अमेरिका की खुफिया एजेंसियों ने शक जताया है कि उन्हें कोरोनावायरस महामारी की उत्पत्ति के बारे में अब शायद ही कोई पुख्ता जानकारी मिले। अमेरिकी राष्ट्रीय खुफिया निदेशालय की ओर से जारी रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोना की प्राकृतिक उत्पत्ति और इसके लैब से लीक होने, दोनों की संभावनाएं बनी हैं। लेकिन इसकी उत्पत्ति का ठीक-ठीक ब्योरा मिलना जरूरी है, ताकि यह पता चल सके कि कोरोनावायरस ने सबसे पहले इंसानों को अपना शिकार कब बनाया।
हालांकि, इसी रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोनावायरस की उत्पत्ति पर कोई पुख्ता जानकारी मिलना काफी मुश्किल है। इसमें कोरोनावायरस को किसी जैविक हथियार के तौर पर बनाने की बात भी नकारी गई है और कहा गया है कि इस थ्योरी का समर्थन करने वालों के पास न तो वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वॉयरोलॉजी तक सीधी पहुंच है। रिपोर्ट में इस थ्योरी को पेश करने वालों पर गलत जानकारी फैलाने के आरोप लगाए गए हैं।
अमेरिका में शुक्रवार को जारी की गई यह रिपोर्ट अगस्त में राष्ट्रपति जो बाइडन के सामने कोरोना उत्पत्ति पर पेश की गई रिपोर्ट का अपडेट है। इसे लेकर चीन ने एक बार फिर अमेरिका पर हमला बोला। चीन ने कहा कि अमेरिका अपने वैज्ञानिकों की जगह खुफिया तंत्र के जरिए कोरोनावायरस की उत्पत्ति से जुड़े राज करने की कोशिश कर रहा है, जो कि पूरी तरह राजनीतिक हथकंडा है। यह सिर्फ विज्ञान आधारित स्टडी को पीछे करेगी और वायरस का स्रोत ढूंढने की कोशिशों में बाधा डालेगी।
गौरतलब है कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, जिन्हें इस बार चुनाव में हार झेलनी पड़ी थी, उन्होंने अपने चुनाव अभियान के दौरान कई बार चीन पर वायरस को फैलाने के आरोप लगाए। कई मौकों पर उन्होंने कोरोना वायरस को चीनी वायरस भी कहा। हालांकि, चीन के वुहान में पहले कुछ केस मिलने के बावजूद वैज्ञानिक पुख्ता तौर पर अभी यह नहीं कर पाए हैं कि कोरोना की उत्पत्ति कहां हुई।