वाशिंगटन, एजेंसी । अमेरिका के रक्षा विभाग पेंटागन ने कहा है कि भारतीय नौसेना हमारी मदद से मजबूत हो रही है। इसके लिए उन्हें पी 8 जैसे निगरानी विमान दिए गए हैं। इस तरह के विमान दुनिया में किसी भी देश के पास नहीं हैं। साथ ही अमेरिका से शक्तिशाली एमएच-60 आर सी हाक हेलीकाप्टर मिलने से भी भारत की नौसेना की मारक क्षमता बढ़ेगी। भारतीय वायुसेना का एक दल इस समय अमेरिका में प्रशिक्षण ले रहा है।

अमेरिकी कंपनी लाकहीड मार्टिन के एमएच-60 आर हेलीकाप्टर युद्ध संबंधी कई भूमिकाओं को निभाने में पूरी तरह सक्षम और बेहद शक्तिशाली हैं। यह मल्टीरोल आल वेदर हेलीकाप्टर हैं। इन हेलीकाप्टरों को भी कई खतरनाक उपकरणों और हथियारों के साथ संशोधित किया जा सकता है। ऐसे 26 हेलीकाप्टर भारत को मिलेंगे। इनमें से दो हेलीकाप्टर भारत को दिए जा चुके हैं। भारत सरकार इन हेलीकॉप्टरों को अमेरिका से विदेशी सैन्य बिक्री के तहत 2.4 बिलियन अमरीकी डालर की अनुमानित लागत से खरीद रही है।

इसके संबंध में पिछले सप्ताह सैन डियागो में नौसेना के एयर स्टेशन पर औपचारिक रूप से हेलीकाप्टर हस्तांतरित करने का एक समारोह आयोजित किया गया था। पेंटागन के प्रवक्ता जान किर्बी ने कहा कि अमेरिका को इन निगरानी विमानों और हेलीकाप्टर के मिलने के बाद अमेरिकी नौसेना के साथ समन्वय में भी मदद मिलेगी।

लॉकहीड मार्टिन इंडिया के उपाध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी विलियम ब्लेयर ने एक बयान में कहा कि हम संयुक्त राज्य अमेरिका की नौसेना और भारतीय नौसेना के साथ साझेदारी में इस कार्यक्रम को जबरदस्त सफल बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। सिकोरस्की मैरीटाइम एंड मिशन सिस्टम्स के उपाध्यक्ष हामिद सलीम ने कहा कि भारतीय नौसेना को पहले दो एमएच -60 आर रोमियो हेलीकॉप्टरों की डिलीवरी संयुक्त राज्य नौसेना, भारतीय नौसेना और सिकोरस्की के बीच सहयोग और साझेदारी के एक नए युग की शुरुआत है।

उन्होंने कहा कि हम भारतीय नौसेना के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े होने के लिए प्रतिबद्ध हैं। भारतीय कैबिनेट ने तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की यात्रा से हफ्तों पहले फरवरी 2020 में MH-60R हेलीकॉप्टरों की खरीद को मंजूरी दी थी।

 

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