इस्लामाबाद, एजेंसी : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने आखिरकार स्वीकार कर लिया है कि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से चरमरा चुकी है। देश कंगाली की राह पर पहुंच चुका है और सरकार के पास देश चलाने के लिए पैसा नहीं बचा है। मंगलवार को एक कार्यक्रम के दौरान इमरान खान ने सार्वजनिक रूप से कहा कि सरकार के पास पैसा खत्म हो चुका है, इसलिए उसे दूसरे देशों से लोन लेना पड़ रहा है।

राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा बन गई अर्थव्यवस्था

इमरान खान ने कहा कि सरकार पर विदेशी कर्ज तेजी से बढ़ रहा है और टैक्स से प्राप्त होने वाला राजस्व घटता चला जा रहा है। ऐसे में यह कहीं न कहीं राष्ट्रीय सुरक्षा का भी मुद्दा बन चुका है। पाक पीएम ने कहा कि सरकार के पास कल्याणकारी योजनाएं चलाने के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं बचे हैं।

टैक्स देने से बचते हैं लोग

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने कहा कि बहुत खेद की बात है कि हमारे मुल्क के लोग टैक्स देने से कतराते हैं। उन्हें लगता है कि उनका पैसा उन पर खर्च नहीं किया जा रहा है। यह औपनिवेशिक काल की विरासत है। उन्होंने पाकिस्तान के मौजूदा हालातों का ठीकरा पिछली सरकारों पर फोड़ते हुए कहा कि 2009 से 2018 तक की दो सरकारों ने स्थानीय संसाधन विकसित नहीं किए और लोन का सहारा लिया। उन्होंने कहा कि टैक्स के सहारे ही देश कर्ज और लोन के दुष्चक्र से बाहर निकल पाएगा।

ब्रिटेन से सीखें पाक के राजनेता

इमरान खान ने कहा कि ब्रिटेन के मंत्रियों की आय आज पाकिस्तान के मंत्रियों के मुकाबले 50 गुना अधिक है। इसके बावजूद जब वे कहीं विदेश यात्रा करते हैं तो इकोनॉमी क्लास में जाते हैं, ब्रिटेन दूतावास में रुकते हैं। ऐसा इसलिए है कि उन्हें पता है कि वह जतना का पैसा इस्तेमाल कर रहे हैं। वह अपने देश का पैसा बचाने के लिए ऐसा करते हैं।

 

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