ट्यूनिस, एजेंसी। ट्यूनीशिया के नेता ने दावा किया है कि कुछ युवाओं को देश छोड़कर अवैध तरीके से यूरोप जाने के लिए धन दिया जा रहा है और इसका लक्ष्य देश को भीतर से नुकसान पहुंचाना और यूरोप के साथ देश के संबंधों को खराब कराना है।

राष्ट्रपति कैस सईद ने रविवार को राजधानी ट्यूनिस के ऐतिहासिक ‘एवेन्यू बोरगुइबा’ में घूमते वक्त यह बात कही। इस दौरान वहां से गुजरने वाले लोगों ने उनका नाम पुकारा और ‘ट्यूनीशिया’ के नारे लगाए।

राष्ट्रपति ने रविवार को संसद को निलंबित कर दिया था, सांसदों को प्राप्त संरक्षण वापस ले लिया था और प्रधानमंत्री को पद से हटाकर कार्यकारी शक्तियां अपनी हाथों में ले ली थी। सईद ने कहा था कि बेरोजगारी, बढ़ती महंगाई और कोरोना वायरस संक्रमण पर काबू पाने में विफलता को लेकर जनता के रोष को देखते हुए देश को बचाने के लिए ये कदम आवश्यक हैं।

सईद ने कहा कि उनके देश के ही कुछ लोग युवाओं को यूरोप जाने के लिए धन दे रहे हैं और उनका इरादा बड़ी संख्या में अवैध आव्रजन को दोबारा शुरू करना है, जो एक दशक पहले ट्यूनीशिया आंदोलन के बाद शुरू हुआ था।

राष्ट्रपति कार्यालय से जारी एक वीडियो में सईद को कहते हुए सुना गया, ‘‘ऐसे लोग हैं जो ट्यूनीशिया को नुकसान पहुंचाते हैं। मैं खुद से प्रश्न करता हूं कि आखिर वे 1500 युवाओं को कैसे देश से जाने दे सकते हैं। वे उन्हें जाने के लिए धन देते हैं। वे लोगों की बदहाली का लाभ उठाते हैं और 2011 में जो हुआ, वह फिर से दोहराना चाहते हैं। वे इटली, यूरोप और अन्य देशों के साथ देश के संबंध खराब कराना चाहते हैं।’’

हालांकि राष्ट्रपति ने यह स्पष्ट नहीं किया कि कौन युवाओं का इस्तेमाल देश को नुकसान पहुंचाने के लिए कर रहा है। देश के गृह मंत्रालय ने बताया कि तटरक्षकों ने रविवार को 31 युवाओं को पकड़ा है, 188 आव्रजकों को बचाया है और 11 लोगों को यूरोप जाने के रास्ते से पकड़ा गया है। बड़ी संख्या में आव्रजक सप्ताहांत में इटली के द्वीप सारदीनिया पहुंच गए थे।

 

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