न्यूयॉर्क  : एक नए अध्ययन में यह बात सामने आई है, कि न्यूयॉर्क में महिलाओं की आधी आबादी जो कोविड से पहले प्रेगनेंसी की योजना बना रही थी, वो इस कोरोना के प्रकोप की वजह से अब दूसरे बच्चे की प्लानिंग करने से काफी डरी हुई है, और अब बच्चा नहीं चाहती।

न्यूयॉर्क के NYU ग्रॉसमैन स्कूल ऑफ मेडिसिन के 1,179 मांओं पर किए गए सर्वे में यह बात सामने आई कि एक तिहाई महिलाएं जो इस महामारी के पहले प्रेगनेंट होने के लिए प्रयास कर रही थीं, वो अब प्रेगनेंसी की योजना के बारे में बहुत समय के लिए कुछ नहीं सोचना चाहतीं। कोरोना की वजह से महिलाएं मां बनने से कतरा रही हैं, और बहुत ज्यादा विचार कर रही हैं। किए गए सर्वे से नीचे दी गई कुछ बातें सामने आई।

​ज्यादा उम्र होने से गर्भधारण करना हुआ स्वास्थ्य के लिए खतरनाक

चूंकि, महामारी की वजह से महिलाएं अपनी प्रेगनेंसी को टाल रही हैं, इससे उनकी उम्र आगे चलकर दूसरे बच्चे के वक्त ज्यादा होने की संभावना अधिक है, जिससे महिलाओं को बढ़ते हुए उम्र के साथ प्रेगनेंसी के दौरान स्वास्थ्य संबंधी बहुत सारे दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।

बढ़ती उम्र के साथ महिलाओं में फर्टिलाइजेशन भी कम हो जाता है जिसकी वजह से फर्टिलाइजेशन के लिए मंहगे इलाज की आवश्यकता भी पड़ सकती है।

​पैसों का नुकसान

महामारी की वजह से लॉकडाउन और आय के साधन में बहुत बड़े बदलाव हुए हैं। कई लोगों को नौकरी से हाथ धोना पड़ा है, वहीं कुछ के आय भी कम हुए हैं। ऐसे में भी जिनका केवल एक बच्चा है वो आगे और एक बच्चा करने के बारे में नहीं सोच रही हैं, ताकि एक बच्चे की परवरिश ही अच्छे से हो पाए।

​चुनौतियां

सर्वे में महिलाओं से बातचीत के दौरान पाया गया कि उनके लिए दूसरा बच्चा करना बहुत बड़ी चुनौती जैसा है। क्योंकि ऐसे माहौल में वो अपने पहले बच्चे के सुरक्षा का भरपूर ध्यान रखना चाहती हैं, और दूसरे बच्चे के बारे में सोचने से भी कतरा रही हैं।

​तनाव

सर्वे के दौरान पाया गया कि इस महामारी की वजह से जिनके पहले से एक बच्चे हैं वो महिलाएं उनकी सुरक्षा को लेकर बहुत तनाव में हैं और दूसरे बच्चे के बारे में सोचने से पहले चाहती हैं कि महामारी पूरी तरह से खत्म हो जाए। तनाव की वजह से भी महिलाओं में फर्टिलिटी संबंधी बहुत सी समस्याएं हो सकती हैं, जो महिला के गर्भधारण करने मे आगे चलकर बाधा बन सकता है।

​सर्वे और वैक्सीनेशन

इस सर्वे के दौरान वैक्सीनेशन होना शुरू नहीं हुआ था और ना ही कोरोना के लिए कोई सही इलाज मिल पाया था। इस वजह से भी महिलाओं के मन में दूसरी बार बच्चे को जन्म देने के बारे में काफी डर था। हो सकता है कि वैक्सीनेशन उनके मन पर अनुकूल माहौल उत्पन्न करे और वे फिर से गर्भवती होने के बारे में विचार कर सकें।

महिला हो या पुरुष इस महामारी ने सबको काफी डरा दिया है। हर कोई अपने और अपनों की सुरक्षा को लेकर काफी चिंतित है। ऐसे में मां बनने के बारे में सोचना यकीनन महिलाओं के लिए एक बड़ी चुनौती है।

 

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