वाशिंगटन, एएनआइ। अमेरिकी विज्ञानियों के एक शोध में पता चला है कि अधिक आयु में शुरू किया गया नियमित व्यायाम भी उम्र के प्रभाव को धीमा कर सकता है। यह अध्ययन ‘एजिंग सेल’ नामक पत्रिका में ‘लेट-लाइफ एक्सरसाइज मिटिगेट्स स्केल्टन मसल एपिजेनेटिक एज’ शीर्षक से प्रकाशित हुआ है।
अध्ययन में तीन संस्थानों के सात शोधकर्ताओं की एक टीम शामिल रही। इसमें यू आफ ए के स्वास्थ्य विभाग (मानव प्रदर्शन व मनोरंजन) के सहायक प्राध्यापक केविन मुराच भी शामिल रहे।
इस तरह किया गया चूहों पर शोध
विज्ञानियों ने प्रयोग के लिए चूहे का सहारा लिया। आमतौर पर चूहों का जीवनकाल 22 महीने का होता है और उन्हें अतिरिक्त व्यायाम की जरूरत नहीं होती, क्योंकि वे दिन में औसतन आठ से 12 किलोमीटर की दौड़ लगा लेते हैं। विज्ञानियों ने प्रयोग के दौरान अपनी उम्र के अंतिम पड़ाव से गुजर रहे चूहों से थोड़ी वजनदार पहियों वाली गाड़ी खिंचवाई।
करीब दो महीने के बाद विज्ञानियों ने पाया कि समान उम्र वाले सामान्य चूहों के मुकाबले प्रयोग में शामिल चूहों की मांसपेशियां ज्यादा सक्रिय और मजबूत थीं। यही नहीं, उनकी एपिजेनेटिक एज भी आठ हफ्ते कम आंकी गई। एपिजेनेटिक एज, जैविक उम्र निर्धारण की नवीन पद्धति है।
मुराच कहते हैं कि इस व्यापक अध्ययन में कई पहलुओं पर गौर किया गया और इसके आधार पर यह निष्कर्ष निकला कि नियमित व्यायाम उम्र के प्रभाव को धीमा कर सकता है।