इस्लामाबाद, एजेंसी पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने इमरान सरकार को जोरदार लताड़ लगाई है। कोर्ट ने कहा है कि सरकार देश चलाने में अक्षम है। जनगणना की घोषणा न करने, केंद्र-राज्य शक्तियों को लेकर होने वाली बैठक भी न बुलाना सरकार की अयोग्यता को सिद्ध करते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने यह टिप्पणी स्थानीय निकाय केस के संबंध में चल रही सुनवाई के दौरान की। इस मामले की सुनवाई जस्टिस काजी फैज ईशा सहित दो सदस्यीय पीठ कर रही है।

कोर्ट ने कहा कि जनगणना किसी भी देश को चलाने के लिए मूलभूत जरूरत है। क्या यह सरकार की प्राथमिकता में नहीं है कि जनगणना का परिणाम घोषित किया जाए। ऐसी स्थिति में दो ही बातें हैं, सरकार देश चलाने में अक्षम है या उसमें निर्णय लेने की क्षमता नहीं है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि काउंसिल ऑफ कॉमन इंटरेस्ट ( सीसीआइ) की बैठक दो माह से नहीं बुलाई गई है। इसकी रिपोर्ट को क्यों गुप्त रखा जा रहा है। सीसीआइ पाकिस्तान में संघीय और राज्य सरकार की शक्तियों का निर्धारण करती है और इसकी हर माह बैठक होनी चाहिए। कोर्ट ने पंजाब सरकार के स्थानीय निकाय के संबंध में निकाले गए अध्यादेश पर भी नाराजगी जताई। पंजाब सरकार स्थानीय निकाय चुनाव नहीं करना चाहती है और एक व्यक्ति के अनुरोध पर पूरी विधान सभा को दरकिनार कर दिया गया।

इमरान सरकार ने की चुनाव आयोग भंग करने की मांग

पाकिस्तान की इमरान सरकार ने चुनाव आयोग को भंग करने की मांग की है। सरकार ने कहा है कि चुनाव आयोग का पुनर्गठन किया जाना चाहिए। पाक में सीनेट चुनाव के दौरान इमरान सरकार के वित्तमंत्री अब्दुल हफीज शेख की विपक्षी प्रत्याशी पूर्व प्रधानमंत्री युसूफ रजा गिलानी से शिकस्त के बाद मामला गरमाया हुआ है। इस चुनाव को प्रधानमंत्री इमरान खान ने व्यक्तिगत प्रतिष्ठा का प्रश्न बना लिया था। पत्रकार वार्ता में शिक्षा मंत्री शफाकत महमूद, सूचना मंत्री शिबली फराज और फबाद चौधरी ने चुनाव आयोग पर आरोप लगाया कि वह निष्पक्षता से चुनाव कराने में असफल रहा है।

अत्याचार रोकने को गुलाम कश्मीर के लोगों ने की यूएन से गुहार

पाकिस्तान गुलाम कश्मीर गिलगित-बाल्टिस्तान में मानवाधिकारों का जमकर हनन हो रहा है। यहां असहमति की आवाज को दबाने के लिए अत्याचार किए जा रहे हैं। बेवजह लोगों को जेलों में ठूंसा जाता है। इन सभी मामलों को यूनाइटेट कश्मीर पीपुल्स नेशनल पार्टी ने संयुक्त राष्ट्र (यूएन) के जेनेवा में चल रही संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) की बैठक के दौरान उठाया है। संगठन ने पाकिस्तान पर कार्रवाई करने की मांग की है। संगठन के प्रवक्ता नासिर अजीज खान ने कहा कि गुलाम कश्मीर में पत्रकारों को गिरफ्तार किया जा रहा है। राजनीतिक दलों पर प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र से ब्रिटिश-कश्मीरी पत्रकार तनवीर अहमद और कार्यकर्ता हुमायूं पाशा व अन्य मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की रिहाई की भी मांग की है।

 

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