इस्लामाबाद, एजेंसी। पाकिस्तान के चुनाव आयोग (ईसीपी) ने सत्तारूढ़ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के खिलाफ विदेशी वित्तपोषण मामले से जुड़े अहम दस्तावेज सार्वजनिक करने का आदेश दिया है। यह कदम प्रधानमंत्री इमरान खान के लिए कई और मुसीबतें खड़ी कर सकता है। मीडिया में आई एक खबर में यह जानकारी दी गई है।

ईसीपी की जांच समिति की तरफ से इस महीने की शुरुआत में जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने विदेशी नागरिकों, कंपनियों से हासिल पैसे को कम करके बताया और बैंक खातों को भी छुपाया।

उसमें कहा गया है कि सत्तारूढ़ पार्टी ने वित्तीय वर्ष 2009-10 से वित्तीय वर्ष 2012-13 के दौरान चार साल की अवधि में 31.2 करोड़ रुपये कम करके बताए। वर्ष-वार विवरण से पता चलता है कि सिर्फ वित्तीय वर्ष 2012-13 में ही 14.5 करोड़ से अधिक की रकम को कम करके बताया गया।

‘डॉन’ अखबार की खबर के मुताबिक, ये दस्तावेज इस जांच समिति की रिपोर्ट का हिस्सा थे, लेकिन रिपोर्ट के साथ जारी नहीं किए गए थे।

मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) सिकंदर सुल्तान राजा ने मंगलवार को तब आदेश पारित किया, जब याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि रिपोर्ट के कुछ अहम हिस्सों को गुप्त रखा गया है और उनके मुवक्किल को उन तक पहुंच नहीं दी जा रही है।

खबर के मुताबिक, सीईसी ने निर्देश दिया कि रिपोर्ट के किसी भी हिस्से को गोपनीय नहीं रखा जाना चाहिए और पूरी रिपोर्ट याचिकाकर्ता को मुहैया कराई जानी चाहिए।

इसमें कहा गया है कि ईसीपी ने दस्तावेजों को सार्वजनिक नहीं किया था क्योंकि पीटीआई ने इस मामले में सत्तारूढ़ पार्टी के संस्थापक सदस्य और याचिकाकर्ता अकबर एस बाबर के साथ दस्तावेजों को साझा करने पर आपत्ति जताई थी।

 

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