ढाका। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कहा कि बांग्लादेश और भारत राजनयिक संबंधों की स्थापना की स्वर्ण जयंती मना रहे हैं, यह हमारे द्विपक्षीय संबंधों की यात्रा में एक मील का पत्थर है। भारत ने 6 दिसंबर 1971 को बांग्लादेश को एक स्वतंत्र और संप्रभु राज्य के रूप में मान्यता दी थी।
हसीना बोलीं, भारत ने दी थी एक करोड़ लोगों को शरण
हसीना ने कहा- आज मैं पूर्व भारतीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और उनकी सरकार की उदारता को याद करती हूं। उन्होंने बांग्लादेश के एक करोड़ शरणार्थियों को शरण दी थी। मार्च में पीएम मोदी की बांग्लादेश यात्रा के दौरान 6 दिसंबर को मैत्री दिवस के रूप में मान्यता देने का निर्णय लिया गया था।
वहीं, विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा कि भारत और बांग्लादेश आतंकवाद और कट्टरपंथ को सहायता देने वाली और अस्थिरकारी ताकतों का मुकाबला करने के लिए एक मजबूत प्रतिबद्धता साझा करते हैं। इंटरनेट के माध्यम से गलत सूचना और दुष्प्रचार जैसी नई और उभरती चुनौतियों से निपटने में सहयोग को मजबूत करना सबसे महत्वपूर्ण है।
श्रृंगला ने कहा कि पूर्वी बंगाल के एक करोड़ से अधिक लोगों ने (1971 में) भारत में शरण ली थी। आज, इसी तरह के मानवीय भाव में बांग्लादेश सीमा पर विभिन्न जगहों के दस लाख से अधिक विस्थापित लोगों की मेजबानी करता है। भारत इस तरह के मजबूत रुख की सराहना करता है।
