कीव, एजेंसी : देश की सीमाओं पर मंडराते युद्ध के खतरे से निपटने के लिए यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने 18 से 60 साल के लोगों से सेना में रिजर्व सैनिक बतौर भर्ती होने का आह्वान किया है। उन्होंने इस आयु वर्ग के देशवासियों को कम से कम एक साल की विशेष सेवाओं के लिए भर्ती होने को कहा। हालांकि उन्होंने यूक्रेन की सेना को फिलहाल युद्ध के लिए तैनात करने से इनकार किया है।
रूस द्वारा पूर्वी यूक्रेन के डोनेत्स्क व लुहांस्क को स्वतंत्र घोषित करने और वहां सेना भेजने के एलान से यूरोप इस दशक के सबसे गंभीर सुरक्षा संकट से जूझ रहा है। यूक्रेन के ये दोनों शहर रूस से लगे हुए हैं और 2014 से रूस समर्थित अलगाववादी यहां कब्जा जमाए हुए हैं। राष्ट्रपति जेलेंस्की ने विदेशी कंपनियों व नागरिकों से यूक्रेन नहीं छोड़ने की भी अपील की है।
टेलीविजन पर प्रसारित संदेश में जेलेंस्की ने कहा कि हम अब भी संकट का कूटनीतिक हल निकालने का प्रयास कर रहे हैं। इसमें तुर्की की मध्यस्थता के प्रयासों का स्वागत करते हुए उन्होंने कहा कि यूक्रेन रूस को अपने किसी इलाके पर कब्जा नहीं करने देगा।
संसद भवन में सर्वदलीय बैठक के बाद देश के नाम संबोधन में जेलेंस्की ने ‘आर्थिक देशभक्ति’ कार्यक्रम का एलान किया। इसमें स्थानीय उत्पादन पर प्रोत्साहन व गैसोलीन पर वैट में छूट शामिल है। जेलेंस्की ने कहा कि अभी सेना को तैनात करने की जरूरत नहीं है। हम यूक्रेन की सेना में भर्ती व अन्य सैन्य गठबंधनों की तैयारी कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि देश की सेना का सुप्रीम कमांडर होने के नाते वह विशेष अवधि के लिए रिजर्व सैनिकों के रूप में भर्ती शुरू करने का आदेश दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमें यूक्रेन की तैयारी तेज करना है। किसी भी स्थिति से निपटने के लिए हमें तैयार रहना है। इस मौके पर उन्होंने यूक्रेन छोड़ने वाले विदेशी दूतावासों व कारोबारियों की खुली आलोचना की और कंपनियों से देश नहीं छोड़ने की फिर अपील की।