शाहजहांपुर। अक्षय नवमी पर सुहागिनों ने आंवला के पेड़ का पूजन किया और इससे जुड़ी कथा सुनी। इसके बाद परिवार के साथ बैठकर प्रसाद ग्रहण किया। मान्यता है कि अक्षय नवमी से पूर्णिमा तक आंवले के पेड़ पर भगवान विष्णु का वास होता है और उनके पूजन से सारी मनोकामना पूर्ण हो जाती है।
शुक्रवार को सुबह से ही सुहागिनें आंवला पूजन में जुटना शुरू हो गईं। शहर के इंदिरा नगर स्थित ऋषि आश्रम में भी सुहागिनें आंवला पूजन के लिए पहुंची। सुहागिनों ने आंवले के पेड़ को तिलक लगाया और 108 परिक्रमा कर कलावा बांधा। परिक्रमा के दौरान सुहागिनों ने भगवान विष्णु से सुख और समृद्धि की कामना की।
उसके बाद पेड़ के नीचे ही बैठकर प्रसाद स्वरूप पूड़ी, सब्जी, खीर आदि ग्रहण किया। ब्राह्मणों को भी आदर के साथ प्रसाद ग्रहण कराया। साथ ही उन्हें दान दक्षिणा दिया। महंत चैतन्य मुरारी ने बताया कि अक्षय नवमी को भगवान अक्षय वरदान देते हैं। इसलिए आंवले का पूजन जरूरी होता है।
अक्षय नवमी पर आंवले के पूजन से स्वयं भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं। हमने अपने परिवार के साथ आंवला का पूजन किया। सुख-समृद्धि की कामना के साथ पर्यावण की सुरक्षा का संकल्प भी लिया। – रश्मि
श्रद्धा के साथ आंवले के पेड़ का पूजन और उसके नीचे प्रसाद ग्रहण करने से भगवान विष्णु की कृपा सदैव बनी रहती है। शादी के बाद से ही अक्षय नवमी पर आंवला का पूजन करने आते हैं। अच्छा लगता है। – ममता पांडेय
अक्षय नवमी पर आंवला के पेड़ का पूजन किया और इससे जुड़ी कथा सुनी। इसके बाद परिवार के आंवला पेड़ के नीचे साथ बैठकर प्रसाद ग्रहण किया। आंवला के पूजन से हर मनोकामना पूर्ण होती है। – ममता सक्सेना
आंवला के पूजन की तैयारी एक दिन पहले से ही शुरू कर दी थी। बाजार से पूजा का सामान लाए और फिर प्रसाद आदि तैयार किया। सुबह जल्दी आकर परिवार की महिलाओं के साथ आंवला पूजा की है। – कमलेश
किसी भी तरह की पूजा के लिए मन में श्रद्धा का भाव होना जरूरी है। अक्षय नवमी पर आंवला के पेड़ की पूजा होती है, जोकि हमें वृक्षों के महत्व को भी समझाती है। जब वृक्ष होंगे तब ही परंपरा होंगी। – सोनम
आंवला के पेड़ का पूजन भगवान विष्णु से परिवार की सुख, शांति व समृद्धि के लिए प्रार्थना की है। यह पूजा हमारी संस्कृति का अभिन्न अंग है। सुहागिनों के लिए इसका अपना ही महत्व है। – मधु बाथम

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