हर साल बच्‍चे के विकास में कुछ नया होता है। उम्र बढ़ने के साथ-साथ बच्‍चा नई चीजें सीखता है और पहले से ज्‍यादा एक्टिव भी होता है। पेरेंट्स को हर साल हर महीने अपने बच्‍चे के विकास पर नजर रखनी चाहिए क्‍योंकि कुछ बच्‍चों के विकास में देरी या रुकावट आ सकती है जिसका समय पर इलाज करने से समस्‍या का सही निदान किया जा सकता है।

पहले तो आप इस बात को समझें कि हर बच्‍चा अलग होता है और हर बच्‍चे के विकास की दर भी अलग होती है। शिशु की तुलना में टॉडलर धीमी गति से विकास करते हैं। हर 6 महीने में आप अपने बच्‍चे के विकास का आंकलन कर सकते हैं। उसके पहले जन्‍मदिन के 6 महीने बाद आप उसकी डेवलेपमेंट और लर्निंग स्किल्‍स चेक कर सकते हैं।

इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि 18 महीने के बच्‍चे का कितना विकास हो चुका होता है और अब तक वो क्‍या-क्‍या स्किल्‍स सीख चुका होता है।

​मूवमेंट स्किल्‍स

18 महीने का बच्‍चा खुद से चलना, कुछ कदम भागना, खिलौने पकड़ना और चलते समय खिलौने खींचना सीख लेता है। इतनी उम्र का बच्‍चा अपने झूले से खुद उतरने की कोशिश कर सकता है। इस समय बच्‍चे के कमरे, झूले और आसपास कोई भी नुकीली चीज न रखें। 18 महीने का बच्‍चा कप से दूध पी सकता है और चम्‍मच से खुद खा सकता है।

​लैंग्‍वेज स्किल्‍स

18 महीने की उम्र का बच्‍चा दिनभर में 10 से 20 शब्‍द तो बोल ही लेता है। उसे आपकी एक स्‍टेप कमांड भी समझ आने लगी होगी जैसे खिलौना उठाकर लाओ आदि। इतने बड़े बच्‍चे हाथ मिलाना और हां या ना में सिर हिलाना भी सीख लेते हैं। इन्‍हें जो चीज चाहिए होती है, उसकी ओर इशारा भी कर सकते हैं।

​कॉग्‍नीटिव स्किल्‍स

बच्‍चा टेलिफोन, ब्रश और चम्‍मच जैसी आम चीजों को पहचानने लगता है। वह दूसरों का ध्‍यान अपनी ओर खींचने के लिए प्‍वाइंट कर सकता है। आपके बैठने बोलने पर, बच्‍चा उसे समझकर बैठ सकता है।

18 महीने के बच्‍चे को अपने मनपसंद खिलौने का नाम भी पता हो सकता है। उसे पिक्‍चर बुक में से कुछ कैरेक्‍टर्स या चीजों का नाम भी पता हो सकता है और वो उनकी ओर इशारा कर के, उसका नाम भी बता सकता है।

​सोशल और इमोशनल स्किल्‍स

बच्‍चा हाथ से चीजों को चलाना शुरू कर सकता है जैसे कि कैमरे का बटन दबाना। इस समय बच्‍चे आपको कुछ नखरे भी दिखा सकता है जैसे कि अपनी पसंद की किसी चीज को पाने के लिए रोना या चिल्‍लाना। 18 महीने का बच्‍चा अपनी पहचान के लोगों के प्रति प्‍यार और दुलार दिखा सकता है। उसे अजनबियों से डर लग सकता है।

​डॉक्‍टर को कब दिखाएं

अगर 18 महीने पूरे होने के बाद भी आपका बच्‍चा चीजों को दिखाने के लिए उनकी ओर उंगली कर के नहीं बता पा रहा है, वो चल नहीं पा रहा है, वो रोज दिखने वाली चीजों को भी नहीं पहचान पा रहा है, दूसरों को कॉपी नहीं कर पा रहा है, नए शब्‍द नहीं सीख पा रहा है, दिन में कम से कम 6 शब्‍द भी नहीं बोल पा रहा है तो आपको पीडियाट्रिशियन यानि बाल रोग चिकित्‍सक को दिखाना चाहिए।

अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्‍स का कहना है कि पेरेंट्स को बच्‍चे को 9, 18 और 30 महीने पूरे करने पर डेवलेपमेंट स्‍क्रीनिंग के लिए ले जाना चाहिए। वहीं ऑटिज्‍म के शिकार बच्‍चों के 18 और 24 महीने के होने पर स्‍क्रीनिंग करवानी चाहिए।

 

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