हर बार या हर मामले में इनफर्टिलिटी के संकेतों का पहचानना आसान बात नहीं है और कई बार महिलाओं में इनफर्टिलिटी के कारण के बारे में जानना मुश्किल हो सकता है। यही वजह है कि महिलाओं को अपने प्रजनन तंत्र के स्वास्थ्य के मामले में सतर्क रहना चाहिए और इनफर्टिलिटी के शुरुआती संकेतों पर ध्यान देना चाहिए।
अगर आप लंबे समय से प्रेगनेंट होने की कोशिश कर रही हैं और इस काम में आपको सफलता नहीं मिल पा रही है, तो इसके कई कारण हो सकते हैं।
आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताएंगे कि इनफर्टिलिटी क्या होती है और इसके शुरुआती संकेत क्या हैं।
क्या है इनफर्टिलिटी
सबसे पहले तो आपको यह समझ लेनी चाहिए कि कंसीव करने में समय लगता है और प्रेगनेंट होने से पहले कुछ महीने ट्राई करना नॉर्मल बात है। इनफर्टिलिटी में एक साल तक कंडोम के बिना सेक्स करने पर भी महिलाएं प्रेगनेंट नहीं हो पाती हैं। अगर आपको कंसीव करने की कोशिशों में कोई सफलता नहीं मिल पा रही है, तो यह चिंता की बात है।
अनियमित हैं पीरियड्स
प्रेगनेंट होने के लिए सबसे पहले आप अपने मासिक चक्र की नियमितता पर ध्यान देना चाहिए। अनियमित पीरियड्स या पीरियड्स न आना इस बात का सबसे बड़ा संकेत है कि आप नियमित रूप से ओवुलेट नहीं कर रही हैं। यदि हर बार या लगातार आपको इररेगुलर पीरियड्स की शिकायत हो रही है, तो आपको गायनेकोलॉजिस्ट को दिखाना चाहिए। हार्मोनल असंतुलन, पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम जैसी समस्याओं के कारण इनफर्टिलिटी हो सकती है।
30 से हो चुकी हैं पार
मां बनने में उम्र भी अहम भूमिका निभाती है। 35 की उम्र के बाद महिलाओं को कंसीव करने में दिक्कत आ सकती है और 30 के बाद पुरुषों के स्पर्म की क्वालिटी भी घटने लगती है। उम्र के साथ महिलाओं और पुरुषों दोनों की ही फर्टिलिटी पॉवर कम होती चली जाती है।
ओवरवेट या अंडरवेट हैं
कंसीव करने में महिलाओं का वजन भी अहम होता है। अगर आप बेबी प्लान कर रहे हैं, तो पहले अपना वजन ठीक रखें। ओवरवेट होने से महिलाओं के हार्मोंस बिगड़ सकते हैं। हालांकि, ऐसा जरूरी नहीं है कि ओवरवेट होने पर ही मां बनने में दिक्कत आती है बल्कि अंडरवेट होने पर भी फर्टिलिटी पर गलत असर पड़ सकता है।
शराब और सिगरेट
अगर आप लंबे समय से प्रेगनेंट होने की कोशिश कर रही हैं और आपको इसमें सफलता नहीं मिल पा रही है तो आपको अपनी ड्रिंकिंग और स्मोकिंग आदतों पर ध्यान देना चाहिए। कंसीव करने के लिए ट्राई करने पर स्मोकिंग और ड्रिंकिंग छोड़ देनी चाहिए। फर्टिलिटी एज में महिलाओं को शराब या सिगरेट पीने की आदत से दूरी बना लेनी चाहिए।
दवाओं का असर
अगर आप किसी मानसिक बीमारी या मूड विकार के चलते कोई दवा ले रही हैं, तो इसका असर आपकी फर्टिलिटी पर पड़ सकता है। हालांकि, इस विषय पर बहुत कम रिसर्च की गई है और अगर आप डिप्रेशन-रोधी दवाएं ले रहे हैं तो इस बारे में अपनी गायनेकोलॉजिस्ट को जरूर बताएं। वो आपको इन दवाओं के साथ अपनी प्रजनन क्षमता को बढ़ाने के तरीके के बारे में सुझाव दे सकती हैं।