प्रेगनेंट होने के बाद अक्‍सर महिलाओं के मन में यह सवाल जरूर आता है कि उनका होने वाला बच्‍चा कैसा दिखेगा। उसकी नाक कैसी होगी, उसकी आंखें कैसी होंगी। प्रेगनेंट होने के बाद से लेकर शिशु के गोद में आने तक मांएं यही सोचती रहती हैं कि बच्‍चा अपने पापा पर जाएगा या मम्‍मी पर।

कुछ बच्‍चे मां पर जाते हैं, तो कुछ अपने डैडी जैसे दिखते हैं जबकि कुछ बच्‍चे मां और पिता दोनों का कॉम्बिनेशन होते हैं। लेकिन कुछ बच्‍चे तो अपने मम्‍मी-डैडी से बिल्‍कुल अलग चले जाते हैं।

यहां हम आपको बता रहे हैं कि बच्‍चे के नैन-नक्‍श और लुक्‍स किन कारकों पर निर्भर करते हैं।

​डीएनए

डीएनए बेबी के लुक के बारे में बताता है लेकिन डीएनए एक जटिल विषय भी है। बालों के रंग, आंखों के रंग, लंबाई और वजन से लेकर गालों के डिंपल तक आप और आपके पार्टनर के डीएनए से पता चल सकता है। अधिकतर मामलों में डॉमिनेंट जीन्स डीएनए में जीत जाते हैं।

​एल्‍होहल

प्रेग्‍नेंसी के दौरान शराब की कम मात्रा लेना ठीक होता है लेकिन एल्‍कोहल के सेवन की वजह से फीटल एल्‍कोहल सिंड्रोम हो सकता है। इस सिंड्रोम की वजह से विकसित हुअ भ्रूण कुछ अलग नैन-नक्‍श के साथ पैदा होता है जैसे कि उसकी आंखें छोटी हो सकती हैं या होंठ पतले हो सकते हैं। यह बच्‍चे की बौद्धिक और डेवलपमेंटल क्षमता को भी प्रभावित कर सकता है।

​हेल्‍दी आदतें

प्रेग्‍नेंसी में एक्‍सरसाइज न करने या अनहेल्‍दी खाना खाने पर जन्‍म के समय शिशु का वजन प्रभावित हो सकता है। देखा गया है कि मोटी महिलाओं के बच्‍चे भी मोटे होते हैं। जैसे ही आपको पता चलता है कि आप प्रेगनेंट हैं, वैसे ही आपको हेल्‍दी और पौष्टिक खाना लेना शुरू कर देना चाहिए। वहीं अपने रूटीन में एक्‍सरसाइज को भी शामिल करें।

​सप्‍लीमेंट्स

गर्भावस्‍था के दौरान प्रीनेटल विटामिन लेना बहुत जरूरी होता है। इनमें से कोई एक सप्‍लीमेंट शिशु की दिखावट को प्रभावित कर सकता है। शिशु की रीढ़ की हड्डी को बनाने के लिए फोलिक एसिड जरूरी होता है। इसकी कमी की वजह से बच्‍चे को स्‍पीना बिफिडा की प्रॉब्‍लम हो सकती है।

वहीं प्रेग्‍नेंसी में ज्‍यादा कैफीन लेने की वजह से शिशु के वजन पर असर पड़ सकता है। बच्‍चा जन्‍म के समय नॉर्मल वेट से छोटा या पतला हो सकता है। इसलिए बेहतर होगा कि आप गर्भावस्‍था के समय में कैफीन का सेवन कम करें।

​फैमिली हिस्‍ट्री

शिशु की लुक्‍स में फैमिली हिस्‍ट्री भी अहम भूमिका निभा सकती है, जैसे कि रिसेसिव जींस। कुछ जीन्स ऐसे होते हैं जिनके बच्‍चे की दिखावट पर असर डालने के चांसेस कम होते हैं लेकिन अचानक से यही जीन्स अपना असर दिखाने लगते हैं।

​नहीं है टेंशन लेने की जरूरत

बच्‍चा कैसा दिखेगा और उसके नैन-नक्‍श कैसे होंगे, इन सब बातों को लेकर आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है। आपके बच्‍चे के लुक्‍स आप पर या अपने पिता या फिर परिवार के किसी सदस्‍य पर ही जाएंगे। इसलिए आपको बच्‍चे की लुक्‍स को लेकर परेशान नहीं होना चाहिए। इसकी बजाय प्रेग्‍नेंसी में खुश और रिलैक्‍स रहें ताकि बच्‍चा भी हेल्‍दी हो।

 

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