होली पर आप चाहे जितना बचने की कोशिश करें, रंगने वाले रंग ही डालते हैं और रंग भी ऐसे जो आसानी से छूटते नहीं। ऊपर से डर इस बात का कि कहीं ऐसा न हो कि चेहरे की त्वचा ही खराब हो जाए, क्योंकि होली के दिन आप रंग खेलने से भी तो मना नहीं कर सकते।
होली का हुड़दंग जब समाप्त हो जाता है और आप रंग छुड़ाने की कोशिश करते हैं तो पसीना आ जाता है, लेकिन रंग है कि छूटने का नाम ही नहीं लेते। ऐसे में क्या किया जाए, कैसे छुड़ाएं इन रंगों को?
यदि आप होली खेलने में सावधानी बरतें तो शरीर पर से रंग छुड़ाना काफी आसान हो जाएगा।
होली के दिन सबसे पहले आप पूरे शरीर पर सरसों का तेल अच्छी तरह मल लें, क्योंकि इसमें चिकनाई अधिक समय तक बनी रहेगी और तेल लगा होने से लगाए गये रंगों का असर भी कम होगा। आमतौैर पर सखी-सहेलियां या यार-दोस्त चेहरे, गर्दन और कमर पर रंग लगाते हैं। यदि आप इन स्थानों पर पहले से ही तेल या वैसलीन या कोल्ड क्रीम लगा लें तो त्वचा पर रंग उतना नहीं चढ़ेगा और सरलता से उतर भी जाएगा।
होली पर ऐसे कपड़े पहनें, जिससे आपके शरीर का अधिकांश भाग ढंक जाता हो। इससे हाथ, गर्दन, कमर, पैर आदि रंग के प्रत्यक्ष संपर्क में नहीं आएंगे और इन स्थानों पर से रंग छुड़ाने में ज्यादा तकलीफ भी नहीं होगी। कपड़े सिंथेटिक और पूरी बांह के हों। गला छोटा हो। इससे दो लाभ होंगे एक तो रंग अंदर तक कम प्रवेश कर पाएगा और दूसरे भीगे कपड़े जल्दी सूख जाएंगे।
वैसे रंगों को जितनी जल्दी हो, साफ करना चाहिए अन्यथा उससे खुजली, एलर्जी या त्वचा में खिंचाव होने लगता है, इसलिए जब भी कोई चेहरे पर रंग लगाए, उसके बाद तुरंत पानी से धो लें, ताकि रंगों की परत न जमने पाए।
रंग छुड़ाने के लिए बहुत से लोग गरम पानी का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन गर्म पानी से रंग और पक्के हो जाते हैं और फिर आसानी से नहीं छूटते, इसलिए ठंडे पानी और साबुन का इस्तेमाल करना चाहिए।
बहुत से लोग यह सोचते हैं कि कपड़े धोने के डिटर्जेंट से रंग जल्दी निकल जाएगा, लेकिन ऐसा करने से त्वचा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। बेहतर होगा कि नहाने वाले साबुन से ही रंग निकाले जाएं। साबुन लगाने पर जो झाग उत्पन्न होता है, उसे कपड़े से पोंछते जाएं, इससे रंग कपड़े पर उतर जाएगा और शरीर पर लगा रंग हल्का होता जाएगा। दो-चार बार ऐसा करने से शीघ्र ही रंग उतर जाता है।
चेहरे के रंगों को कभी पत्थर के झांवे आदि से घिसकर न छुड़ाएं। इससे त्वचा छिल जाएगी और चेहरा भी खराब हो जाएगा। यदि रंग ज्यादा ही लग गया हो तो नारियल के तेल में रुई को भिगोकर धीरे-धीरे रंग छुड़ाएं, इससे जलन भी नहीं होगी और रंग भी छूट जाएगा। यदि रंग ज्यादा ही लग गया हो तो हाथ-पैर के रंगों को आप अमूचर से छुड़ा सकते हैं। यदि चेहरे पर अमचूर का कोई प्रतिकूल प्रभाव न हो तो सूखे अमचूर को रगडऩे से रंग एकदम छूट जाएगा।
उबटन के माध्यम से भी रंग उतारा जा सकता है। बेसन के उबटन से रंग जल्दी उतरने लगता है। चेहरे की त्वचा का रंग उतारने के लिए आटे में थोड़ा-सा तेल और हल्दी डालकर लगाकर धीरे-धीरे रगड़ें। इससे जहां रंग उतर जाएगा, वहीं त्वचा भी शुष्क नहीं होगी। आजकल होली में सूखे रंग-गुलाल के अलावा तरह-तरह के ऑइल पेंट आदि भी लगाने का प्रचलन बढ़ गया है। घासलेट से ये तुरंत निकल तो जाते हैं, लेकिन त्वचा में काफी जलन होगी। बेहतर होगा कि घासलेट से इन्हें न छुड़ाएं। नारियल के तेल में एक कपड़ा भिगोकर त्वचा पर मलें। इससे सफेद या काले पेंट के रंग उतर जाएंगे।
होली में रंग को गीला करके शरीर पर लगाया जाता है, लेकिन सिर के बालों में सूखा रंग भी डाला जा सकता है। ऐसे में सर्वप्रथम सिर को शैम्पू से सावधानीपूर्वक धोएं। धोते समय अपनी गर्दन को इस प्रकार रखें कि सिर के बालों का रंग शरीर के अन्य हिस्सों पर न पड़े।
सिर के बाल, चेहरे व आंखों के आसपास से रंग या ऑइल पेंट निकालते समय आंखें बंद कर लेनी चाहिए, अन्यथा आंखों पर इसका कुप्रभाव पड़ सकता है।
रंग छुड़ाने के बाद यदि हल्की-सी जलन रह जाए तो ग्लिसरीन में गुलाब जल मिलाकर कुछ देर लगाएं और थोड़ी देर बाद गुनगुने पानी से चेहरा धोकर हल्के हाथ से थपथपाकर पोंछ लें। ग्लिसरीन में नीबू न डालें, क्योंकि रंग से कटी त्वचा के लिए यह हानिकारक होगा। शाम को तैयार होते समय पहले ब्लीजिंग मिल्क से चेहरे को साफ कर लें। रूई में ब्लीजिंग मिल्क लेकर हल्के हाथ से चेहरा साफ करें, बाकी का बचा रंग भी कुछ हद तक और साफ हो जाएगा, फिर फाउण्डेशन में थोड़ी कोल्डक्रीम मिलाकर चेहरे पर लगाएं और हल्का-सा मेकअप कर लें। चेहरा पहले की तरह तरोताजा हो जाएगा। कई बार होली पर बहुत खराब किस्म के रंग प्रचलन में आ जाते हैं, जिनसे चेहरे की त्वचा में एलर्जी-सी हो जाती है। ऐसे रंगों से बचने की कोशिश करनी चाहिए।