कोरोना से उबरने वाले मरीजों में कई दिनों तक सुस्ती-कमजोरी की शिकायत बनी रहती है। चलने-फिरने या रोजमर्रा के काम निपटाने में वे जल्दी हांफ जाते हैं। इसका असर मानसिक तनाव के रूप में भी सामने आ सकता है, जो रोग-प्रतिरोधक क्षमता के लिए बेहद घातक है। जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने इसी के मद्देनजर कुछ ऐसे व्यायाम सुझाए हैं, जिनकी मदद से कोविड-19 को मात देने वाले मरीज जल्द सामान्य जीवन में लौट सकते हैं।

इन पांच एक्सरसाइज से लौटेगी शरीर में फुर्ती-

1.श्वास क्रिया-

संक्रमण से उबरने के तुरंत बाद : पीठ और पेट के बल लेटकर गहरी सांस लें, गाना गाएं या फिर मधुमक्खी के भिनभिनाने जैसी आवाज निकालें।

अवधि : श्वास अभ्यास (01 मिनट), गाना-भिनभिना (01 मिनट)।

-पुरानी फुर्ती हासिल करने का दौर : बैठकर और खड़े होकर गहरी सांस अंदर भरने व बाहर छोड़ने का अभ्यास करें।

अवधि : खड़े होकर (01 मिनट), बैठकर (01 मिनट)।

-पूरी तरह से फिट होने के बाद : खड़े होने, चलने-फिरने और रोजमर्रा के काम निपटाने के दौरान गहरी सांस अंदर भरें व बाहर छोड़ें

अवधि : 01 मिनट

2.संतुलन पाने की प्रक्रिया-

संक्रमण से उबरने के तुरंत बाद : बैठकर आंखों की पुतलियों को ऊपर-नीचे, दाएं-बाएं घुमाएं, बेड रोलिंग (बिस्तर पर सीधे लेटें, अब आंखों से दाईं ओर देखें, धीरे-धीरे सिर दाईं दिशा में घुमाएं, फिर दाईं ओर करवट लें, गहरी सांस भरने और छोड़ने के बाद सीधी मुद्रा में आएं, बाईं ओर दोहराएं यह प्रक्रिया)।

अवधि : पुतलियां घुमाना (01 मिनट), बेड रोलिंग (02 मिनट)।

-पुरानी फूर्ति हासिल करने का दौर : बैठकर सिर को ऊपर-नीचे, दाएं-बाएं और गोलाई में घुमाएं, रॉकिंग इन चेयर (कुर्सी पर बैठकर आगे-पीछे होना), रॉकिंग टू स्टैंड (जमीन पर सीधे खड़े होने के बाद नीचे बैठें, लेटें और फिर दोबारा बैठने की मुद्रा में आकर खड़े हों)

अवधि : सिर घुमाना (01 मिनट), रॉकिंग इन चेयर (01 मिनट), रॉकिंग टू स्टैंड (01 मिनट)।

-पूरी तरह से फिट होने के बाद : रॉकिंग ऑन हैंड एंड नी (बच्चों के बकइयां चलने की मुद्रा धारण कर शरीर को आगे-पीछे करें), विंडशील्ड वाइपर (फर्श पर पीठ के बल लेटें, दोनों हाथों को किनारे फैलाते हुए पैर ऊपर उठाएं और गोलाई में दाएं-बाएं घुमाएं)

अवधि : रॉकिंग ऑन हैंड एंड नी (02 मिनट), विंडशील्ड वाइपर (01 मिनट)

3.शारीरिक सक्रियता-

-संक्रमण से उबरने के तुरंत बाद : बेड पर क्रॉस-क्रॉल टच (बिस्तर पर पीठ के बल लेटकर दोनों हाथ-पैर फैलाएं, इसके बाद दाएं हाथ की कोहनी को बाएं पैर के घुटने और बाएं हाथ की कोहनी को दाएं पैर के घुटने से स्पर्श कराने का प्रयास करें)

अ‌वधि : 01 मिनट।

-पुरानी फुर्ती हासिल करने का दौर : सीटेड क्रॉस-क्रॉल टच (कुर्सी पर बैठकर दोनों हाथ ऊपर फैलाएं, फिर दाएं हाथ की कोहनी को बाएं पैर के घुटने और बाएं हाथ की कोहनी को दाएं पैर के घुटने से छुआने का प्रयास करें), हाथ आगे-पीछे ले जाते हुए तेज चहलकदमी करें।

अवधि : 01 मिनट।

-पूरी तरह से फिट होने के बाद : स्टैंडिंग क्रॉस-क्रॉल टच (फर्श पर सीधे खड़े हों, दोनों हाथों को ऊपर ले जाएं, एक-एक कर दाएं हाथ की कोहनी को बाएं पैर के घुटने और बाएं हाथ की कोहनी को दाएं पैर के घुटने से छुआएं), बर्ड डॉग (बकइयां की मुद्रा धारण कर दाएं हाथ और बाएं पैर को फैलाएं, अब दाएं हाथ की कोहनी को बाएं पैर के घुटने से छुआने का प्रयास करें, दूसरे हाथ-पैर से भी दोहराएं यह प्रक्रिया)।

अवधि : स्टैंडिंग क्रॉस-क्रॉल टच (01 मिनट), बर्ड डॉग (01 मिनट)।

4.मांसपेशियों की मजबूती-

-संक्रमण से उबरने के तुरंत बाद : यॉन टू स्माइल (जम्हाई लेने के अंदाज में हंसना)।

अवधि : 01 मिनट

-पुरानी फुर्ती हासिल करने का दौर : बाइसेप कर्ल्स (फर्श पर सीधे खड़े हों, दोनों हाथों में डंबल थामें और कोहनियों के पास से मोड़ते हुए पेट पर टिकाएं, अब गहरी सांस भरते और छोड़ते हुए हाथ ऊपर-नीचे करें), शोल्डर एलिवेशन (फर्श पर सीधे लेटें, दोनों हाथों में डंबल पकड़ते हुए उन्हें घुटने के पास टिकाएं, अब एक-एक कर हाथों को डंबल सहित ऊपर ले जाएं और फिर फर्श पर टिकाएं)।

अ‌वधि : बाइसेप कर्ल्स (01 मिनट), शोल्डर एलिवेशन (एक मिनट)।

-पूरी तरह से फिट होने के बाद : स्टैंडिंग हील रेज (फर्श पर सीधे खड़े हों, अपने सामने एक कुर्सी रखें, उसके सहारे एड़ियों को ऊपर उठाते हुए पंजे पर संतुलन बनाने की कोशिश करें), वॉल पुशअप (दीवार की ओर मुंह करके खड़े हो जाएं, दोनों हथेलियों को दीवार पर टिकाएं और पुशअप की तरह आगे-पीछे हों।

अवधि : स्टैंडिंग हील रेज (01 मिनट), वॉल पुशअप (02 मिनट)।

5.ताकत हासिल करना

-संक्रमण से उबरने के तुरंत बाद : कार्डियो

अवधि : 05 मिनट

-पुरानी फुर्ती हासिल करने का दौर : कार्डियो

अवधि : 10 मिनट

-पूरी तरह से फिट होने के बाद : कार्डियो

अवधि : 30 से 45 मिनट

इन सूरतों में न करें कसरत

-बुखार, सांस लेने में तकलीफ, सीने में दर्द, तेज हृदयगति या पैरों में सूजन की शिकायत हो।

ये लक्षण उभरें तो भी बंद करें

-आंखों के सामने धुंधलापन छाना, सीने में दर्द, सांस लेने में तकलीफ, त्वचा ठंडी या चिपचिपी पड़ना, हृदयगति अनियंत्रित होना, जरूरत से ज्यादा थकान लगना।

 

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