अगर रातभर नींद लेने के बाद भी सुबह उठते ही आप थका हुआ या गर्दन में दर्द महसूस करते हैं तो इसकी वजह आपका फेवरेट तकिया भी हो सकता है। आजकल घर को सजाने के लिए अलग-अलग आकार और रंगों के तकियों का इस्तेमाल किया जा रहा है। लेकिन तकिए का असल काम गर्दन को सपोर्ट देने और शरीर के पॉश्चर को सही बनाए रखना होता है। खराब गुणवत्ता या बहुत पुराना तकिया इस्तेमाल करने से व्यक्ति की मांसपेशियों में दर्द पैदा हो सकता है। तो ऐसे में यह जानना जरूरी हो जाता है कि आपका तकिया आखिर कब एक्सपायर हो रहा है या उसे कब तुरंत बदल देना चाहिए। आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ सवालों के जवाब।

शेप जांचें-

अगर आपके तकिए में गांठें पड़ गई हों या उसके अंदर भरी गई रूई या फॉम एक ओर हो जाता हो, तो समझ जाएं कि उसे बदलने का अब सही समय आ गया है।

-तकिए को इस्तेमाल करने से पहले अगर आपको उसे हाथों से शेप देने की जरूरत पड़ती हो, तो जान लें कि आपका तकिया खराब हो चुका है। ध्यान रखें, तकिए की शेप जैसे ही बिगड़ने लगे, उसे तुरंत बदल डालें।

तकिए की उम्र-

तकिेए की औसतन उम्र 18 से 24 महीने होती है। हर दो साल में अपना तकिया जरूर बदलें।

तकिया टेस्ट-

आपका तकिया इस्तेमाल करने योग्य है या नहीं, इसका पता आप एक साधारण टेस्ट करके भी लगा सकते हैं। इसके लिए आप अपने तकिए को बीचोंबीच मोड़ें और 30 सेकेंड्स तक दबाकर छोड़ दें। यदि तकिया दोबारा अपनी शेप नहीं लेता, तो समझ जाएं कि आपको अपना तकिया बदलने की जरूरत है।

कैसा हो आपका तकिया-

आपका तकिया ऐसा होना चाहिए जो सोते समय आपकी पीठ और गर्दन दोनों को सहारा दे। ऐसा तकिया जो बहुत कठोर, बहुत लंबा या बहुत नरम होता है वह आपकी गर्दन को विषम स्थिति में डालकर आपकी पीठ और गर्दन में दर्द का कारण बन सकता है। ऐसे में तकिया ऐसा चुनें जो आपके सिर को थोड़ा ऊंचा रखते हुए आपकी गर्दन, पीठ, सिर और कंधों को सपोर्ट करे।

 

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