कैल्शियम की जरूरत को पूरा करने के लिए दूध सबसे आसान और बेहतर विकल्प है। लेकिन क्या डायबिटीज के मरीज़ों के लिए दूध का सेवन सही है। अगर हां, तो कौन-सा दूध उनके लिए सही है जानिए।
हमारी हड्डियों की मजबूती को बरकरार रखने के अलावा दूध में बहुत से पोषक तत्व होते हैं, जो सेहतमंद रहने में हमारी मदद करते हैं। लेकिन डायबिटीज़ की समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए दूध सही तो है, पर उन्हें अपनी डाइट में कार्ब्स और कैलोरीज का भी ध्यान रखना पड़ता है।
विशेषज्ञों की मानें तो मधुमेह से पीड़ित व्यक्ति को अपनी एक बार की डाइट में 45 से 60 ग्राम कार्ब्स की मात्रा रखनी होती है। जबकि सही मायने में देखें तो 60 ग्राम कार्ब्स काफी होता है। आपको बता दें कि दूध के एक गिलास के अंदर 15 ग्राम कार्ब्स होता है। ऐसे में अगर आप नाश्ते के साथ दूध का सेवन भी कर रहे हैं तो आपको कैलोरीज का भी हिसाब रखना होगा,। क्योंकि इसका सीधा जुड़ाव फैट और इंसुलिन की मात्रा से भी है। ऐसे में सवाल है कि कौन सा दूध मधुमेह के मरीज़ों के लिए सही है और कौन सा नहीं?
कौन सा दूध सही
आमतौर पर घरों में गाय या भैंस का दूध इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन इसके अंदर अधिक मात्रा में फैट और कैलोरीज होती हैं, जो कि मधुमेह के मरीज़ों के लिए सही नहीं है। इसके अलावा हाल ही में एक रिसर्च बताती है कि अनस्वीटेंड बादाम मिल्क डायबिटीज़ के मरीज़ों के लिए एक बेहतर विकल्प हो सकता है, क्योंकि इसके अंदर प्रचुर मात्रा में कैल्शियम मौजूद होता है। साथ ही बादाम के एक कप दूध में चालीस कैलोरीज, जीरो सैचुरेटेड फैट और केवल दो ग्राम ही कार्ब्स होता है। वहीं, बादाम के दूध को सुबह के नाश्ते में होल ग्रेन ब्रैड के साथ लिया जा सकता है।
टाइप 2 डायबिटीज़ के लिए कच्चा दूध क्यों सही
अगर आपको टाइप 2 डायबिटीज़ है तो आपके लिए कच्चा दूध सही साबित हो सकता है। कच्चे दूध के अंदर पामिटोलिक एसिड होता है, जो इंसुलिन में सुधार करने का काम करता है। एक रिसर्च में यह देखा गया कि जो लोग हाई फैट के डेयरी उत्पादों का सेवन करते हैं उन्हें टाइप 2 डायबिटीज़ होने की संभावना 44 प्रतिशत तक कम हो जाती है। जबकि जो लोग कम फैट वाले डेयरी उत्पादों का सेवन करते हैं उन्हें टाइप 2 डायबिटीज़ का खतरा अधिक बना रहता है। हालांकि, मधुमेह से पीड़ित व्यक्ति की स्थिति कभी भी एक सी नहीं होती। इसलिए इस विषय पर कुछ अध्ययनों की और आवश्यकता है।
नाश्ते में दूध सही या नहीं
नाश्ते को दिन का सबसे अहम मील माना जाता है। क्योंकि नाश्ते को आप लगभग 8 घंटे के बाद कर रहे होते हैं। ऐसे में टाइप 2 मधुमेह से पीड़ित लोगों का पैंक्रियाज पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन का उत्पादन नहीं कर सकता है। लेकिन एक ही तरह के स्नैक के जरिए टाइप 2 डायबिटीज़ को मैनेज किया जा सकता है। इस स्नैक में दूध के सेवन की पैरवी विज्ञान भी करता है।
हाल ही में हुई रिसर्च यह दावा करती है कि टाइप 2 डायबिटीज़ से पीड़ित लोगों के लिए स्नैक में दूध का सेवन सबसे बेहतर विकल्प है। यह रक्त के अंदर मौजूद शुगर लेवल को आसानी से संतुलित कर लेता है। इसके अतिरिक्त कई दूसरे शोध भी हैं जो सुबह दूध के सेवन की पैरवी करते दिखाई देते हैं। वहीं, एक शोध में पूरी दिनचर्या को लेकर भी बात कही गई है। यह शोध कहता है कि मधुमेह और मोटापे की समस्या से बचने के लिए दिनभर में एक सही डाइट लेना बेहद जरूरी है।
ऊंटनी का दूध अमृत समान
आमतौर पर कैमल मिल्क (ऊंटनी का दूध) का उपयोग नहीं करते हैं। लेकिन कुछ समय पहले कैमल मिल्क को लेकर हुई रिसर्च चौका देने वाली है। इस रिसर्च में बताया गया है कि टाइप 1 डायबिटीज़ से जूझने वाले लोगों के लिए कैमल मिल्क का सेवन फ़ायदेमंद रहता है।
आपको बता दें कि कैमल मिल्क के सेवन से खून में मौजूद शुगर लेवल को मेनटेन किया जा सकता है। इसके अलावा शोध तो यह भी कहता है कि डायबिटीज़ के कारण लिवर और किडनी पर जो भी प्रभाव हुए हैं उन्हे भी कम किया जा सकता है।
दूध का सेवन सही या नहीं
हाल ही में हुई एक रिसर्च से पता चला है कि डेयरी उत्पादों के जरिए टाइप 2 डायबिटीज़ से बचा जा सकता है। हालांकि, अब भी इस बात का जवाब पूरी तरह साफ नहीं है कि क्या डायबिटीज़ के मरीज़ों के लिए दूध सही है या नहीं।
आप इस सवाल को अपने डॉक्टर से पूछ सकते हैं। हम आपको इस मामले में केवल एक ही राय देंगे कि आप बेहद कम मात्रा में ही दूध या अन्य डेयरी उत्पादों का सेवन करें। इसके अलावा कार्ब्स और कैलोरीज का भी पूरा हिसाब रखें।