पहली बार मां बनने पर महिलाओं को कई तरह की चुनौतियों और मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। आमतौर पर पहली बार मां बनने पर महिलाओं को ज्‍यादा जानकारी नहीं होती है और ऐसे में वो कुछ गलतियां कर बैठती हैं।

दो महीने के शिशु को नवजात शिशु की तुलना में ज्‍यादा भूख लगती है और इनमें एनर्जी भी पहले से ज्‍यादा होती है। आपको दो महीने के बच्‍चे के एक्‍सप्रेशन देखकर उसे समझना होता है। अगर आपका बच्‍चा भी दो महीने का हो चुका है, तो यहां जानिए कि आप किस तरह उसकी देखभाल कर सकते हैं।

​बार-बार पिलाना होगा दूध

दो महीने का बच्‍चा भूख लगने और दूध पीने के संकेत ज्‍यादा दे सकता है। आमतौर पर बच्‍चे रोकर ही भूख लगने की बात बताते हैं। जब भी बच्‍चा रोता है, आप उसके रोने का कारण जानने की कोशिश करें और उसे दूध पिलाएं। शिशु को दोनों ब्रेस्‍ट से दूध पिलाएं।

​बच्‍चे के स्‍लीपिंग शेड्यूल को समझें

दूसरे महीने में बच्‍चा पहरात में सोता नहीं है बच्‍चा तो उसे खिलाएं ये Special Foods ले से ज्‍यादा देर तक सोने लगता है। अपने बढ़ते हुए बच्‍चे के स्‍लीपिंग पैटर्न को समझने की कोशिश करें। दिन में एक से तीन घंटे के गैप में बच्‍चा सो सकता है। दो महीने का शिशु 24 घंटे में 9 से 12 घंटे सो सकता है। इसलिए आप उसके हिसाब से अपनी नींद पूरी कर लें।

आप भी इस बात को बखूबी समझते होंगे कि बच्‍चा रोकर ही अपनी जरूरत को समझाता है। दो महीने के बच्‍चे का नर्वस सिस्‍टम मैच्‍योर हो रहा होता है, ज्‍यादा थकान और आपका ध्‍यान खींचने की वजह से बच्‍चा रो सकता है। जब भी आपका बच्‍चा रोए तो उसे अटेंड जरूर करें और उसे गोद में उठाकर खूब दुलार दें। इस तरह आप अपने दो महीने के बच्‍चे को शांत कर सकते हैं।

​इम्‍यूनाइजेशन का रखें पूरा ध्‍यान

शिशु के लिए वैक्‍सीन समय पर लगवाना बहुत जरूरी है। किसी भी हाल में आप वैक्‍सीनेशन नहीं छोड़ सकते हैं। डॉक्‍टर से पूछें कि आपके दो महीने के बच्‍चे को कौन-सा वैक्‍सीन लगवाना है। इसके अलावा बच्‍चे के आसपास की जगह और चीजों को साफ-सुथरा रखें ताकि कोई इंफेक्‍शन ना फैले। बच्‍चे की साफ-सफाई आपकी पहली जिम्‍मेदारी होनी चाहिए।

​शिशु से करें बात

बच्‍चा तेज आवाज और अचानक सुनाई देने वाली आवाज पर प्रतिक्रिया देता है। आप उससे बात करेंगे, तो वो खुशी से खिल उठेगा। बच्‍चे आपका ध्‍यान खींचना चाहते हैं और जब आप उनसे बात करेंगे, तो उन्‍हें बहुत खुशी मिलेगी। उसके सामने गाने गाएं, लोरी सुनाएं। आप देखेंगे कि बच्‍चा आपको सुनकर और देखकर खुश हो रहा है।

शिशु को कभी भी जमीन पर अकेला ना छोड़ें। अगर आपके घर में कोई पालतू जानवर है तो उसे शिशु से दूर ही रखें। शिशु को जब भी अकेले छोड़कर जाएं, तो उसके पास कोई सॉफ्ट टॉय छोड़कर जाएं। शिशु के पास कोई भी नुकीली चीज ना छोड़ें वरना उसे चोट लग सकती है।

जन्‍म के बाद शिशु का हर महीने विकास और जरूरतें बढ़ती जाती हैं और आपको उसके संकेतों को समझकर उसकी जरूरतों को पूरा करना है। इससे आपका बच्‍चा खुश रहेगा और उसकी मुस्‍कुराहट को देखकर आप भी खुश रहेंगे।

 

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