‘आप अगर खाना नहीं खाओगे, तो रात में भूत आ जाएगा।’ क्या आपने भी अपने बच्चे को खाना खिलाने के लिए ऐसा ही कोई बहाना बनाया है? आपका जवाब अगर हां है, तो आपको यह बात समझने की जरूरत है कि कभी-कभी हम बच्चों को अच्छी बातें सिखाने के लिए कुछ ऐसा बोल जाते हैं, जिससे कि उनके मन में कई डर घर कर जाते हैं। इसके अलावा बच्चे अनजाने में ही कई गलत आदतें सीख जाते हैं। इस कारण आपको कुछ बातें याद रखनी चाहिए-
लालच देकर कोई काम न कराएं
आमतौर अपनी बात मनवाने के लिए माता-पिता बच्चे को कोई लालच देते हैं। जैसे होमवर्क पूरा करने या बाहर न जाने के बदले उसे आइसक्रीम या खिलौने का लालच। ऐसा करना बेहद गलत है क्योंकि इसके बाद भी बच्ची सही बर्ताव करने के बदले आपसे अपनी डिमांड को पूरा करवाने की कोशिश करेगा।
किसी के सामने कोई एक्टिंग करने के लिए कहना
आमतौर पर माता-पिता बच्चों को कोई डांस या एक्टिंग करने के लिए कहते हैं। ऐसा करना शायद एंटरटेनिंग लगे, लेकिन इससे बच्चों के दिमाग पर गलत असर पड़ता है। बार-बार ऐसा कहने पर बच्चे को लगने लगता है कि अगर वह ये सब नहीं करेगा, तो उसके मम्मी-पापा उसे प्यार नहीं करेंगे या फिर मारेंगे।
किसी के सामने बच्चों पर न चिल्लाएं
अधिकतर माता-पिता बच्चों को किसी मॉल में, पब्लिक प्लेस में या फिर किसी पार्क में ही डांटना शुरू कर देते हैं। इस दौरान बच्चा आपकी बातें न सुनकर वो इस बात पर ध्यान देने लगता है कि आसपास के लोग सुन रहे हैं इसलिए हमेशा बच्चे को एकांत में उसके व्यवहार के बारे में बताएं ताकि वे अपने बुरे व्यवहार को छोड़ सके।
दूसरे बच्चों से तुलना
अपना बच्चा सभी को प्यारा लगता है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आप अपने बच्चे को फील गुड कराने के लिए उसकी तुलना दूसरों बच्चों से करेंगे। कई बार ऐसा होता है कि बच्चे को मोटिवेट करने के लिए माता-पिता किसी बच्चे को बुरा बताते हुए अपने बच्चे की तुलना करते हैं। ऐसा करने से आपका बच्चा उस दूसरे बच्चे के लिए मन में नेगेटिव इमेज बना लेगा। आगे चलकर यह नेगेटिव चीज उसकी पर्सनैलिटी का हिस्सा भी बन सकती है।
गलती करने पर गुस्सा करना
कभी-कभी मां-बाप अपने ऑफिस का गुस्सा या किसी और बात का गुस्सा अपने बच्चों पर निकाल देते हैं। साथ ही माता-पिता गुस्से में अपने बच्चे को उस गलती की सजा दे देते हैं, जिसे नजरअंदाज किया जा सकता था। बच्चे को अनुशासन सिखाते वक्त अपनी दूसरी समस्याओं और गुस्से को अलग रखें।