क्या आपको भी सुबह के नाश्ते में सफेद ब्रेड खाना बहुत पसंद है और आप रोजाना इनका सेवन करते हैं, तो यकीन मानिए यह आपकी जिंदगी की बड़ी गलतियों में से एक होगा। आइए जानते हैं कैसे।

इंसान जितने खिलवाड़ अपने शरीर के साथ करता है, उतने शायद ही किसी दूसरे के साथ कर पाए। ऐसा माना जाता है कि इंसान का जिंदगी भर साथ देने वाली अगर कोई चीज है तो वह उसका शरीर है। लेकिन इंसान अपने शरीर के अंदर खराब खाद्य सामग्री को डालकर उसे विनाश की ओर ले जाता है। हमारे आस पास ऐसे बहुत से उत्पाद हैं जो किसी स्लो पॉइजन से कम नहीं है। लेकिन फिर भी लोग इनका सेवन धड़ल्ले से करते हैं। इन्हीं में से एक है व्हाइट ब्रैड।

भारत समेत दुनियाभर में बहुत से लोग सुबह की शुरुआत व्हाइट ब्रेड के साथ ही करते हैं, जो खाने का एक बहुत खराब विकल्प है। अगर आप भी अपनी रोजाना की डाइट में व्हाइट ब्रेड का सेवन करते हैं, तो इसे आज ही छोड़ने का फैसला कर लें। वरना बहुत देर भी हो सकती है। आज हम आपको बताएंगे कि आखिर क्यों व्हाइट ब्रेड का सेवन आपको नहीं करना चाहिए।

​कैसे तैयार होती है ब्रेड

सफेद ब्रेड को तैयार करने के लिए गेहूं के आटे का ही उपयोग किया जाता है। लेकिन ब्रेड को बनाते समय इसे बहुत अधिक महीन पीसा जाता है, और इस प्रक्रिया के जरिए सभी विटामिन और पोषक तत्वों को पूरी तरह हटा दिया जाता है। ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि ब्रेड जैसे उत्पाद को लंबे समय तक ताजा और खाने योग्य रखा जा सके।

​क्यों नुकसानदायक है व्हाइट ब्रेड

आपको बता दें कि ब्रेड में इस्तेमाल होने वाले आटे के सभी पोषक तत्व और ऑयल निकालने के बाद ब्लीच किया जाता है। ताकि यह लंबे समय तक खराब हुए बिना चलता रहे।साथ ही इसमें पोटैशियम ब्रोमेट, एज़ोडिकार्बोनामाइड या क्लोरीन डाइऑक्साइड गैस जैसे रसायनों का भी उपयोग किया जाता है ताकि इसके प्राकृतिक पीले रंग को भी हटाया जा सके।

इसका परिणाम यह होता है कि जो भी लोग व्हाइट ब्रेड का सेवन करते हैं,उन्हें डायबिटीज, हृदय रोग और मोटापे जैसी समस्या से जूझना पड़ता है। इसके अलावा ब्रेड में मिलाए जाने वाले कई पर्सवेटिव्स भी मिलाए जाते हैं ताकि यह लंबे समय तक ताजी ही रहे।

​क्या मोटापा बढ़ाती है व्हाइट ब्रेड

व्हाइट ब्रेड का सेवन करने से आप यकीनन मोटापे का शिकार हो सकते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि ब्रेड के निर्माण की प्रक्रिया में ही कई तरह के रसायन, प्रिजर्वेटिव और चीनी का उपयोग किया जाता है। कुल मिलाकर सफेद ब्रेड एक हाईली रिफाइंड उत्पाद है, यह इतनी खतरनाक है कि इसमें मौजूद ग्लाइसेमिक इंडेक्स आपके ब्लड शुगर लेवल को प्रभावित कर सकता है। यही नहीं सफेद ब्रेड के सेवन से कब्ज, पेट फूलने जैसी समस्याएं भी पैदा होने लगती हैं।

​नहीं होता फाइबर

सफेद ब्रेड एक हाईली स्टार्च उत्पाद है। ब्राउन ब्रेड की तरह इसमें फाइबर तक मौजूद नहीं होता। सफेद ब्रेड के इन्ही दोषों को वजह से ना केवल यह पेट की समस्या पैदा कर सकते हैं। बल्कि यह इन समस्याओं को अत्यधिक बढ़ा भी सकते हैं।

​क्या हृदय और डायबिटीज की वजह सफेद ब्रेड

सफेद ब्रेड बनने की प्रक्रिया में ही अपने सारे पोषक तत्व और विटामिन खो देती है। इसके बाद अगर उसके अंदर कुछ रह जाता है तो वह होती है चीनी, और यही मिठास हमारे शरीर के अंदर भारी मात्रा में जमा होने लगती है। जो बाद में डायबिटीज की वजह भी बन जाती है। यह उन लोगों के लिए अधिक खतरनाक है, जिनकी फैमिली हिस्ट्री में डायबिटीज पहले से ही मौजूद है।

यही नहीं व्हाइट ब्रेड आपके हृदय के लिए भी उतनी ही खतरनाक हो सकती है। दरअसल सफेद ब्रेड एक रिफाइंड उत्पाद है और शरीर इसे सही प्रकार तोड़ नहीं पाता। ऐसे में अगर आप लंबे समय तक इसका सेवन कर रहे हैं तो इसमें क्षमता होती है कि यह खून के थक्के होने का कारण बन जाए। इसलिए लंबे समय तक खाने के बाद यह कई हृदय रोग का कारण बन जाती है।

​सफेद ब्रेड का विकल्प

अगर आप अपने नाश्ते या थाली से पूरी तरह सफेद ब्रेड को हटाकर कुछ दूसरे पदार्थ शामिल करना चाहते हैं, तो आप इसमें ब्राउन या होल ग्रेन ब्रेड के बारे में विचार कर सकते हैं। होल ग्रेन ब्रेड के अंदर विटामिन, प्रोटीन, और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं। जबकि ब्राउन ब्रेड के अंदर आयरन, जिंक, कॉपर और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व शामिल होते हैं। इसके अलावा ब्राउन या होल ग्रेन ब्रेड के अंदर विटामिन बी और कई अन्य खनिज पदार्थ मौजूद होते हैं, जो आपको हृदय रोग, मोटापे और डायबिटीज जैसी बीमारी से बचा कर रखते हैं।

 

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