कुछ नवजात शिशुओं के कम बाल होते हैं तो कुछ के ज्‍यादा। हालांकि, बच्‍चे के एक साल के होने से पहले उसके बालों के रंग और टेक्‍सचर में बदलाव आ सकता है। वहीं 6 महीने के होने तक उसके कुछ बाल झड़कर दोबारा उग सकते हैं। शिशु के बालों को लेकर आपको एक बात का ख्‍याल रखना है कि उसके बाल चाहे हल्‍के हों या घने, आपको उन्‍हें रोजाना ब्रश करना है।

​क्‍यों जरूरी है ब्रश करना

बेबी की स्किन, स्‍कैल्‍प और शरीर के अन्‍य हिस्‍से बहुत नाजुक होते हैं इसलिए पेरेंट्स को शिशु के बालों को रोज कंघी करने में डर लगता है, जो कि स्‍वाभाविक है। वहीं यह डर भी रहता है कि कहीं कंघी से बच्‍चे को दर्द न हो। लेकिन जब आपको इसके फायदों के बारे में पता चलेगा, तो आप भी शिशु के बालों को रोज कंघी करना शुरू कर देंगे।

​रिलैक्‍स रहता है शिशु

प्‍यार से बेबी के बालों को कंघी या ब्रश करने से बेबी को चैन मिलता है और आराम महसूस होता है। इससे शिशु को नींद आने में मदद मिल सकती है।

शिशु के बालों को बेबी ब्रश से संवारें क्‍योंकि इसके ब्रिसल्‍स काफी नरम होते हैं और इससे सकैल्‍प पर रक्‍त का प्रवाह बढ़ाने में मदद मिल सकती है। इससे बालों की हेल्‍दी ग्रोथ को बढ़ावा मिलता है।

​नर्वस सिस्‍टम होता है उत्तेजित

ब्रश करते समय आप असल में शिशु की स्‍कैल्‍प की मालिश कर रहे होते हैं। शिशु को लग सकता है कि आप उसकी मालिश कर रहे हैं और इससे उसे रिलैक्‍स महसूस हो सकता है।

वहीं मालिश से नर्वस सिस्‍टम भी उत्तेजित होता है। इससे सेंट्रल नर्वस सिस्‍टम को मजबूत होने के लिए बढ़ावा मिलता है और बच्‍चे का दिमाग तेज होता है।

​क्रैडल क्रैप होता है साफ

जन्‍म के बाद शुरुआती कुछ महीनों में नवजात शिशु के स्‍कैल्‍प की स्किन पपड़ीदार हो सकती है जिसे क्रैडल कैप कहते हैं। वैसे तो इससे कोई नुकसान नहीं होता है और यह अपने आप ही ठीक हो जाती है लेकिन बालों को रोज कंघी करने से यह पपड़ीदार सिकन उतरने में मदद मिलती है और दोबारा क्रैडल कैप होने का खतरा भी कम रहता है।

​कब करनी चाहिए कंघी

आप दिन में किसी भी समय पर शिशु के बालों को कंघी कर सकते हैं। बच्‍चे के बालों को कंघी करने की कोई उम्र नहीं है लेकिन इसमें बस एक बात का ध्‍यान रखें कि कंघी के ब्रिसल्‍स सॉफ्ट ही होने चाहिए वरना इससे शिशु की स्किन को प्रॉब्‍लम हो सकती है।

​कुछ टिप्‍स आएंगे काम

–  शिशु के लिए इस्‍तेमाल होने वाली कंघी के साॅफ्ट ब्रिसल्‍स ही होने चाहिए। बड़ों की कंघी का प्रयोग न करें।

–  कंघी के दांत चौड़े होने चाहिए। इससे शिशु को दर्द नहीं होता है।

–  अगर शिशु के बाल उलझ रहे हैं, तो बालों को आराम से पकड़ कर सुलझााएं।

– बेटी के बालों को मुलायम इलास्टिक बैंड से बांध सकती हैं।

– बालों को धोने के बाद सूखने दें और इसके बाद ही कंघी करें।

 

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