नई दिल्ली, एजेंसी : देश का आम बजट 1 फरवरी 2022 को पेश किया जाएगा। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अपना चौथा बजट देश के सामने रखेंगी। यह मोदी सरकार का 10वां बजट होगा। बीते वित्त वर्ष में बजट में टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया था। ऐसे में इस बार उम्मीद है कि सरकार कोई बड़ी घोषणा कर सकती है। इसके अलावा, स्वास्थ्य, इंफ्रास्ट्रक्चर, रियल एस्टेट, रक्षा, हॉस्पिटैलिटी और एमएसएमई सेक्टर समेत अन्य क्षेत्रों के लिए कोरोना के दौर में बड़ी घोषणाएं और राहत पैकेज का एलान किया जा सकता है। यहां हम बजट 2022 से जुड़ी 22 उम्मीदों का जिक्र कर रहे हैं।
1- स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा में इजाफा
बजट 2022 से वेतन भोगियो को इस बार बड़ी उम्मीदें हैं। दरअसल, इनके लिए इस समय धारा 16 के तहद स्टैंडर्ड डिडक्शन की रकम 50,000 रुपये निर्धारित है। लंबे समय से इसको बढ़ाकर 1 लाख रुपये करने की मांग की जा रही है। वेतन भोगियों को उम्मीद है की इसको बढ़ाया जाए। इसे बढ़ाए जाने से वेतन भोगियो को सीधा-सीधा कर लाभ होगा।
2-वर्क फ्रॉम होम अलाउंस टैक्स छूट
कोरोना के चलते ज्यादातर क्षेत्रों के कर्मचारी वर्क फ्रॉम होम कर रहे है। ऐसे में उनका इलेक्ट्रिक, इंटरनेट चार्ज, किराया, फर्नीचर आदि पर खर्चा बढ़ गया है। इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट ऑफ इंडिया ने भी वर्क प्रॉम होम के तहत घर से काम करने वालों को अतिरिक्त टैक्स छूट देने का सुझाव दिया है।
3- इंश्योरेंस, मेडिक्लेम और 80सी में छूट
कोरोना के चलते बीते दो साल में हेल्थ सेक्टर पर काफी फोकस बढ़ा है। बजट 2022 से उम्मीदें है कि लाइफ इंश्योरेंस को इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80सी से बाहर किया जा सकता है और इंश्योरेंस सेक्टर के लिए कोई एक लिमिट बढ़ाई जा सकती है। लाइफ इंश्योरेंस और मेडिक्लेम इंश्योरेंस दोनों को नई कैटेगरी के तहत जोड़ा जा सकता है या फिर 80सी की लिमिट का ओवरआल बढ़ाया जा सकता है। ऐसा होने पर लगभग ज्यादातर करदाताओं को बड़ा फायदा होगा।
4- इंश्योरेंस पर जीएसटी से राहत
बजट में सरकार का ज्यादा जोर देश के करदाताओं पर रहने की संभावना है क्योंकि पिछले कई बजट में करदाताओं के लिए कोई नई घोषणा नहीं की गई है। इस बार के बजट में इंश्योरेंस/मेडिक्लेम प्रीमियम पर लगने वाले जीएसटी कम करने की उम्मीद भी करदाताओं को है। वित्त मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि इस मांग को सरकार की ओर से बजट 2022 में शामिल किया जा सकता है।
5- दूरसंचार विभाग को ये उम्मीद
दूरसंचार कंपनियों ने बजट में करीब 35,000 करोड़ रुपये के इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) के रिफंड, लाइसेंस और स्पेक्ट्रम उपयोग पर लागू शुल्कों में कटौती करने और जीएसटी हटाने की मांग सरकार से की है। दूरसंचार उद्योग के संगठन सीओएआई ने सरकार को बजट के बारे में सौंपी डिमांड में कहा है कि सरकार को ग्रामीण क्षेत्रों में दूरसंचार सेवाओं के प्रसार के लिए गठित यूएसओएफ को निलंबित कर देना चाहिए। उनका कहना है कि ऐसा करने से सेवा प्रदाताओं पर बोझ कम हो सकेगा।
6- ऑटोमोबाइल क्षेत्र को मिलेगी राहत
घरेलू आटोमोबाइल सेक्टर पिछले दो दशकों के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। देश के कुल जीडीपी में आटोमोबाइल सेक्टर का योगदान 7.5 प्रतिशत है, जबकि यह प्रत्यक्ष और परोक्ष तौर पर 10 लाख लोगों को रोजगार देता है। इस क्षेत्र को नए निवेश के लिए तैयार करने के लिए भी प्रोत्साहन चाहिए। खास तौर पर आटोमोबाइल सेक्टर में एक समान टैक्स लगाने की व्यवस्था भी लागू करने की मांग हो रही है। ऑटोमोबाइल सेक्टर ईवीएस के पक्ष में है। यह चाहता है कि कम ब्याज दरों पर ईवी को चुनने के लिए अधिक लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए ईवी को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। ऑटोमोबाइल क्षेत्र की ओर से अपनी बजट मांगों को लेकर वित्त मंत्रालय को सुझाव सौंपे गए हैं।
7- डिजिटल इंडिया को बढ़ावा
विशेषज्ञों के अनुसार, अर्थव्यवस्था में वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान शानदार ग्रोथ नजर आई है और देश फिर से विकास की राह पर अग्रसर है। अगर सरकार रिफॉर्म बनाए रखती है तो इससे 2022 में भी रिकवरी तेज होगी और इकोनॉमी बूस्टर का टेम्पो बना रहेगा। स्टार्टअप गतिविधियों और सरकार के राहत पैकेज से भारत में ईज ऑफ डुइंग बिजनेस को बढ़ावा मिलेगा। डिजिटल इंडिया को बढ़ावा देने, कर संरचना को सरल बनाने और लैंड-लेबर लॉ में सुधार से ईज ऑफ डुइंग बिजनेस को बढ़ावा मिलेगा। ऐसे में सरकार इन उम्मीदों को कायम रखने का काम करेगी।
8-प्रोत्साहन पैकेजों की उम्मीद
गौरतलब है कि पिछले वित्त वर्ष केंद्र सरकार ने कोरोना वायरस महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था को फिर से जीवंत करने के लिए कई प्रोत्साहन पैकेजों की घोषणा की थी। ऐसे में इस बार भी देश की अर्थव्यस्था पर कोरोना के नए स्वरूप ओमिक्रॉन वैरिएंट का साया है तो उम्मीद है कि इस बार भी कुछ बड़े प्रोत्साहन पैकेजों की घोषणा वित्त मंत्री द्वारा की जा सकती है।
9- रियल एस्टेट क्षेत्र को मिलेगा बूस्ट
इस साल का केंद्रीय बजट टैक्स और वेवर में कुछ प्रमुख छूट, रॉ मैटेरियल पर जीएसटी में कटौती की पेशकश करके रीयल एस्टेट क्षेत्र में सहायक भूमिका निभा सकता है। चूंकि यह क्षेत्र देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में सबसे बड़े योगदानकर्ताओं में से एक है, इस क्षेत्र को मजबूत करने से संबद्ध आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा, जिससे समग्र रूप से अर्थव्यवस्था में सकारात्मक बदलाव आएगा। विशेषज्ञों की मानें तो लोगों ने कोविड के बाद के दौर में घर खरीदने के महत्व को महसूस किया है। जबकि सरकार ने स्टैंप ड्यूटी में कटौती, सबसे कम होम लोन दरों जैसे कुछ लाभ दिए है और समर्थन किया है। आगामी बजट को रीयल एस्टेट क्षेत्र का समर्थन करना जारी रखना चाहिए क्योंकि यह देश के सकल घरेलू उत्पाद में एक महत्वपूर्ण योगदानकर्ता है।
10- कोरोना मरीजों-उनके परिवार को राहत
कोरोना महामारी के चलते कई लोगों के रोजगार छिन गया तो कई की आय बिल्कुल कम हो गई। ऐसे में आम लोग बजट 2022 को उम्मीदों से देख रहे हैं। कोरोना महामारी के दौरान कई कोरोना मरीजों व उनके परिवारों को केंद्र सरकार, राज्य सरकारों, कंपनियों, दोस्तों व समाज सेवकों से वित्तीय सहायता मिली लेकिन बहुत से लोगों को यह पूरी लड़ाई अपने बूते लड़नी पड़ी। इसे लेकर विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे लोगों को कोरोना के इलाज पर हुए खर्च पर डिडक्शन का फायदा देने पर सरकार विचार कर सकती है।
11- ज्वेलरी उद्योग ने सामने रखी मांगें
आगामी 1 फरवरी को देश का जो आम बजट पेश किया जाएगा। उससे देश के करदाताओं समेत सभी को बड़ी उम्मीदें हैं। ज्वेलरी सेक्टर ने भी अपनी मांग सामने रखी हैं। इनकम टैक्स के 3 स्लैब रेट 10% /15%/20% से ऊपर नहीं होने चाहिये, सोने पर भी इम्पोर्ट ड्यूटी कम की जाए, जीएसटी सेल्स टैक्स की तरह 1 फीसदी होना चाहिए और सोना चांदी के आयात पर कस्टम ड्यूटी 4 फीसदी की जाए जैसी मांग उठाई गई हैं।
12- एमएसएमई को बजट से बड़ी उम्मीदें
कोरोना से सबसे प्रभावित एमएसएमई सेक्टर की मांग है कि जीएसटी की दरों को इस सेक्टर के लिए उपयुक्त बनाया जाए और इस सेक्टर के लिए टैक्स की दरों को कम किया जाए। उत्पादन में गिरावट, नौकरियों में कमी, राजस्व में कटौती जैसी कई समस्याओं का सामना एमएसएमई सेक्टर को पिछले दो सालों में करना पड़ा है। ऐसे में एमएसएमई की सबसे बड़ी मांग है कि गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) की दरों पर एक बार फिर विचार किया जाना चाहिए। इसके साथ ही इस सेक्टर के लिए लोन देने की दरों को और कम करना, छोटे कारोबारियों के लिए कारोबार करना आसान बनाना और लाइसेंसिंग या ऑडिट के नियमों को आसान बनाया जाना चाहिए।
13- इनकम टैक्स के 80डी सेक्शन में बदलाव
आपको बता दें कि इनकम टैक्स के सेक्शन 80डी के तहत वरिष्ठ नागरिकों को 50 हजार रुपये तक के डिडक्शन का लाभ दिया जाता है। हालांकि यह फायदा उन्हें तभी मिलता है, जब वह किसी हेल्थ इंश्योरेंस के तहत कवर नहीं हैं। इस बार के बजट में विशेषज्ञों का अनुमान है कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अपने बजट भाषण के दौरान सेक्शन 80डी के तहत सभी उम्र के लोगों को डिडक्शन का फायदा देने पर विचार कर सकती है। जो उन्होंने कोरोना संक्रमण के लिए खुद के या अपने परिवार के किसी सदस्य के इलाज पर खर्च किया हो।
14- किफायती घर खरीदारों को राहत
सूत्रों का कहना है कि सरकार बजट 2022 में अफोर्डेबल हाउसिंग के तहत पहली बार घर खरीदने वालों को ब्याज पर मिलने वाली 1.5 लाख रुपये तक की अतिरिक्त छूट को एक साल के लिए बढ़ा सकती है। बता दें, सेक्शन 80ईईए के तहत 45 लाख रुपये तक के मकान पर 1.5 लाख रुपये की होम लोन के ब्याज चुकाने पर अतिरिक्त छूट मिलती है।
15- पीपीएफ की सीमा 3 लाख होने की उम्मीद
चार्टड अकाउंटेंट की संस्था आईसीएआई ने भी वित्त मंत्री को अपना सुझाव दिया है। इंस्टीच्युट ऑफ चार्टड अकाउंटेंट (आईसीएआई) ने वित्त मंत्री को पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (पीपीएफ) में निवेश की अधिकत्तम सीमा को मौजूदा 1.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये करने का सुझाव दिया है। आईसीएआई के मुताबिक पीपीएफ में निवेश की सीमा को बढ़ाने से जीडीपी में घरेलू सेविंग की हिस्सेदारी को बढ़ाने में मदद मिलेगी।
16- हेल्थकेयर क्षेत्र को आवंटन बढ़ने की उम्मीद
कोरोना महामारी के इस दौर में फार्मास्यूटिकल इंडस्ट्री को उम्मीद है कि इस बजट में हेल्थ केयर सेक्टर के लिए कुल फंड आवंटन में बढ़ोतरी की जाएगी। इसके साथ ही व्यापार को आसान बनाने के लिए प्रक्रियाओं को सरल करने की मांग भी उठाई गई है। इस बार विशेषज्ञ कोविड-19 में बढ़ती असमानता को दूर करने के लिए वेल्थ टैक्स और विरासत कर को फिर से शुरू किए जाने की उम्मीद कर रहे हैं।
17- हॉस्पिटैलिटी सेक्टर की आस
हॉस्पिटैलिटी क्षेत्र उन सेक्टर में शामिल है जिसपर कोरोना महामारी का सबसे ज्यादा असर हुआ है। इस महामारी के प्रकोप का खामियाजा भुगत रहे हॉस्पिटैलिटी क्षेत्र को बजट 2022 में एक बहाल जीएसटी इनपुट टैक्स क्रेडिट देख रहा है। वहीं, सेक्टर रेस्टोरेंट व्यवसाय को एक और लॉकडाउन से बचाने के लिए एक सिस्टम चाहता है।
18-किसानों को मिल सकती है बड़ी सौगात
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अतंर्गत देश के किसानों को दी जाने वाली आर्थिक सहायता राशि में बढ़ोत्तरी की जा सकती है। इस योजना के अंतर्गत किसानों को अभी 6 हजार रुपये सालाना रकम दी जाती है। वहीं 1 फरवरी को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए जाने वाले बजट में इस राशि को बढ़ाने का एलान हो सकता है। पीएम किसान योजना की राशि को बढ़ाकर 8 हजार रुपये किया जा सकता है।
19- शेयर बाजार की ओर से ये मांग
स्टॉक मार्केट प्लेटफॉर्म्स की भी बड़ी उम्मीदें बजट पर टिकी हैं। वे प्रतिभूति लेनदेन कर में कमी चाहते हैं। शेयर बाजार से विशेषज्ञों का मानना है कि वित्त मंत्री को सिक्योरिटी ट्रांजेक्शन टैक्स (एसटीटी) खत्म कर देना चाहिए या इसमें कमी करनी चाहिए।
20- क्रिप्टोकरेंसी को लेकर संभावना
सरकार आगामी आम बजट में क्रिप्टोकरेंसी की खरीद-बिक्री को कर के दायरे में लाने पर विचार कर सकती है। कर विशेषज्ञों की मानें तो सरकार इस बजट में एक निश्चित सीमा से ऊपर क्रिप्टोकरेंसी की बिक्री और खरीद पर टीडीएस / टीसीएस लगाने पर विचार कर सकती है। उन्होंने कहा कि इस तरह के लेन-देन को विशेष लेन-देन के दायरे में लाया जाना चाहिए।
21- विमानन उद्योग कर रहा ये उम्मीद
विमानन उद्योग कम से कम 2 वर्षों के लिए कर छूट और न्यूनतम वैकल्पिक कर के निलंबन की उम्मीद कर रहा है। इसके अलावा, महामारी प्रभावित एयरलाइंस भी न्यूनतम वैकल्पिक कर को निलंबित करना चाहती हैं। कोरोना महामारी ने विमानन क्षेत्र को भी भारी नुकसान पहुंचाया है।
22-एफएमसीजी क्षेत्र ने जताई यह इच्छा
एफएमसीजी क्षेत्र की इच्छा है कि सीतारमण लोगों के हाथों में पैसा देना जारी रखें, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में। इस क्षेत्र की ओर से विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा करने के बाद वित्त मंत्रालय को अपने सुझाव भेजे गए हैं। क्षेत्र को उम्मीद है कि वित्त मंत्री इस ओर विशेष ध्यान देंगी।