नई दिल्ली : महामारी में बहुत से लोगों ने अपनी आजीविका खो दी है। ऐसे जरूरतमंद लोगों के लिए योगदान करना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है। इसलिए जो भी व्यक्ति टैक्स भरता है वह ऐसे ही योगदान (दान) पर छूट का लाभ ले सकता है।
टैक्स विशेषज्ञों का कहना है कि आयकर कानून के तहत दान करने पर टैक्स छूट दिए जाते हैं और यह लाभ कुछ नियमों और सीमा के तहत मिलते हैं। इसके लिए पहले से निर्धारित रूप में दान करना जरूरी है। अगर आपने किसी संस्था या कंपनी के जरिए दान किया है तो भी टैक्स छूट मिलेगी। उनका कहना है कि दान आर्थिक रूप से किया जाना जरूरी है।
आप 2000 रुपये से ज्यादा दान नकद में नहीं कर सकते। इस सीमा से अधिक दान करने के लिए एक चेक देना होगा या ड्राफ्ट, नेटवर्किंग या अन्य किसी माध्यम का इस्तेमाल करना होगा।
100 प्रतिशत तक छूट
योगदान की गई राशि का 50 प्रतिशत या 100 प्रतिशत कटौती के रूप में लिया जा सकता है। कुछ संगठनों के किए गए दान पर कर कटौती का दावा करने के लिए एक सीमा तय की गई है। इसका आधार करदाता की आय होने पर है।
प्रधानमंत्री नेशनल रिलीफ फंड को दिए गए दान पर सौ प्रतिशत छूट ले सकते हैं। हालांकि एक अधिसूचित मंदिर मस्जिद, गुरुद्वारा, चर्च अथवा ऐसे किसी धार्मिक स्थान के नवीनीकरण में दिए गए दान पर 50 फीसदी कटौती के लिए पात्र हैं।
जरूरी हैं ये दस्तावेज
– जिस संस्थान को दान दिया जा रहा है उसे दानकर्ता को रसीद जारी करनी चाहिए। यह कटौती का दावा करने के लिए एक दस्तावेजी सबूत के रूप में कार्य करती है।
– जारी की गई रसीद में दान राशि के अलावा नाम, पता और दान करने वाले का पैन नंबर जैसे विवरण होने चाहिए।
– दान पर 100 फीसदी छूट पाने के लिए फॉर्म-58 भरकर जमा करना होगा। इसके अलावा ट्रस्ट के पंजीकरण नंबर की भी जानकारी देनी होगी।
इन धाराओं में कर सकते हैं छूट का दावा
80जीजीए : करदाता वैज्ञानिक अनुसंधान करने वाली संस्था, ग्रामीण विकास संस्था, यूनिवर्सिटी या कॉलेज को दान करता है, तो धारा 80जीजीए में छूट मिलेगी।
80जीजीसी : वेतनभोगी कर्मचारी, राजनीतिक दल या इलेक्टोरल ट्रस्ट को चंदा देता है, तो धारा 80जीजीसी के तहत उस पर कटौती का लाभ ले सकता है।
80जी : यह कुछ निश्चित रिलीफ फंड्स और चैरिटेबल संस्थानों को दान देकर टैक्स छूट का लाभ पाने का विकल्प देता है।
नए स्लैब में भी मिलेगा लाभ
वैसे तो पुराने टैक्स स्लैब में ही छूट मिलती है। पीएम केयर्स फंड में दान पर नए स्लैब के तहत भी लाभ मिलेगा। – मनोज जैन, कर सलाहकार