नई दिल्ली, एजेंसी : इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने कोविद -19 परीक्षण के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं क्योंकि प्रयोगशालाओं को अपेक्षित परीक्षण लक्ष्य को पूरा करने के लिए चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। जिस तेज़ी से देश में कोरोना संक्रमित लोगों के आंकड़े बढ़ रहे हैं, ऐसे लैब्ज़ का भार भी काफी ज़्यादा बढ़ गया है।
इसी को देखते हुए ICMR ने निर्देश दिया है कि “आरटी-पीसीआर परीक्षण किसी भी व्यक्ति में दोहराया नहीं जाना चाहिए जो एक बार आरएटी या आरटी-पीसीआर में पॉज़ीटिव पाया गया हो”। साथ ही कहा गया कि यात्रा कर रहे स्वस्थ लोगों का टेस्ट भी ज़रूरी नहीं है। हालांकि, ये भी कहा कि जो लोग कोविड जैसे लक्षण महसूस कर रहे हैं, उन्हें गैर-ज़रूरी यात्रा से बचना चाहिए। वहीं, बाकि सभी लोगों को यात्रा करते वक्त कोविड मानदंडों का पालन करना होगा।
पिछले एक महीने में समग्र राष्ट्रव्यापी परीक्षण सकारात्मकता दर 20 प्रतिशत से अधिक हो गई है। भारत में 4 मई तक आरटी-पीसीआर, Truenet, CBNAAT और अन्य प्लेटफार्मों सहित 2,506 आणविक परीक्षण प्रयोगशालाएं हैं।
ICMR के अनुसार, COVID-19 के लिए 3 मई तक 29,33,10,779 नमूनों का परीक्षण किया गया है। इनमें से 16,63,742 नमूनों का सोमवार को परीक्षण किया गया।
भारत ने मंगलवार को सिंगल-कोविद -19 मामलों में थोड़ी गिरावट दर्ज की, पिछले 24 घंटों में 3,57,229 नए संक्रमण दर्ज किए। दैनिक स्पाइक 1 मई को चार लाख से अधिक मामलों में अपने चरम पर पहुंच गया था, लेकिन कल 3,68,147 मामलों में आ गया। जिसके बाद आज फिर 4 लाख से ज़्यादा का आंकड़ा छुआ।
ICMR की टेस्टिंग को लेकर ताज़ा गाइडलाइन:
- आरटी-पीसीआर टेस्ट किसी भी ऐसे व्यक्ति पर दोहराया नहीं जाना चाहिए, जो रैपिड-एंटीजन टेस्ट या फिर आरटी-पीसीआर द्वारा एक बार पॉज़ीटिव पाया गया हो।
- डिसचार्ज के लिए कोविड-19 से ठीक होने के बाद दोबारा टेस्ट कराने की ज़रूरत नहीं है।
- यात्रा के लिए स्वस्थ व्यक्तियों के लिए टेस्ट की आवश्यकता को ख़त्म किया जाना चाहिए।
- जो भी लोग यात्रा करना चाह रहे हैं, उन्हें कोविड मानदंडों का पालन करना होगा।
- राज्यों को मोबाइल परीक्षण प्रणालियों को बढ़ावा देना चाहिए।