नई दिल्ली, एजेंसी : गलवान हमले में शहीद हुए कर्नल संतोष बाबू को मंगलवार को मरणोपरांत महावीर चक्र से सम्मानित किया गया। यह परमवीर चक्र के बाद दूसरा सबसे बड़ा सैनिक सम्मान है।15 जून 2020 को पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में ऑपरेशन स्नो-लेपर्ड के दौरान 16 बिहार रेजीमेंट के कर्नल बिकुमाला संतोष बाबू को कमांडिंग ऑफिसर (CO) के तौर पर ऑब्जर्वेशन पोस्ट स्थापित करने की जिम्मेदारी दी गई थी।
गंभीर रूप से घायल होने के बावजूद वह झड़प का आखिरी सांस तक नेतृत्व करते रहे। दुश्मन सैनिकों की हिंसक कार्रवाई के सामने वह साहस से खड़े रहे और भारतीय सैनिकों के पीछे धकलने के प्रयास का विरोध करते रहे। चीनी सैनिकों से हुई हिंसक झड़प में 20 जवान शहीद हुए थे।
नायब सूबेदार नुदूराम सोरेन को मरणोपरांत वीर चक्र से सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने उनकी पत्नी को पुरस्कार दिया। ऑपरेशन स्नो लेपर्ड में चीनी सेना के शातिर हमले के खिलाफ उनकी वीरतापूर्ण कार्रवाई के लिए यह सम्मान मिला।
सिपाही गुरतेज सिंह को मरणोपरांत वीर चक्र से सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उनके माता-पिता को पुरस्कार दिया। ऑपरेशन स्नो लेपर्ड के दौरान उनकी वीरतापूर्ण कार्रवाई के लिए गुरतेज सिंह को यह सम्मान मिला है।
हवलदार के. पलानी को ऑपरेशन स्नो लेपर्ड के दौरान उनकी वीरतापूर्ण कार्रवाई के लिए मरणोपरांत वीर चक्र से सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उनकी पत्नी को पुरस्कार दिया।
हवलदार तेजिंदर सिंह ने गलवान घाटी में हुए हिंसक झड़प में चीनी सैनिकों का डटकर मुकाबला किया था। इस दौरान वह गंभीर रूप से घायल हो गए थे। तेजिंदर सिंह को उनकी निडरता के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने वीर चक्र से सम्मानित किया।