नई दिल्ली, एजेंसी : पेगासस जासूसी मामले पर केंद्र सरकार को आज सुप्रीम कोर्ट में हफनामा दायर करना था, लेकिन सरकार की ओर से दायर नहीं किया गया। केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि कुछ कारणों से हलफनामा अभी दाखिल नहीं हो पाया है, सॉलिसीटर जनरल मेहता ने शीर्ष अदालत से इस पर अपनी रिपोर्ट देने के लिए समय की मांग की, जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने एक हफ्ते के लिए सुनवाई टाल दी । मामले की अगली सुनवाई अब 13 सिंतबर को होगी।

प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ ने 17 अगस्त को याचिकाओं पर केंद्र को नोटिस जारी करते हुए साफ किया था कि वह नहीं चाहती कि सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता करने वाली किसी भी चीज का खुलासा करे। शीर्ष कोर्ट ने मामले की जांच के लिए अपनी तरफ से विशेषज्ञ कमिटी बनाने का प्रस्ताव दिया था। इसपर सॉलिसीटर तुषार मेहता ने कहा कि सरकार यह नहीं कह रही कि वह किसी को कुछ नहीं बताएगी, लेकिन कुछ चीजें सार्वजनिक तौर पर हलफनामा दायर कर नहीं बताई जा सकतीं। यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा हो सकता है।

याचिकाकर्ताओं ने इसका विरोध किया था। कोर्ट ने सरकार को नोटिस जारी करते हुए कहा था कि वह विचार करे कि उसे और कुछ कहना है या नहीं। कोर्ट सरकार का जवाब देखने के बाद इस पर विचार करेगा। जैसे ही आज मामला पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए आया तो केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि कुछ कठिनाइयों के कारण हलफनामा, दायर नहीं किया जा सका है।

केंद्र ने कोर्ट से क्या बताया था

पिछली सुनवाई में केंद्र की ओर से पेश सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने विस्तृत हलफनामा देने में असमर्थता जताते हुए कहा था कि याचिकाकर्ता चाहते हैं कि सरकार यह बताए कि वह कौन सा सॉफ्टवेयर इस्तेमाल करती है, और कौन सा नहीं। राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में यह सब हलफनामे के रूप में नहीं बताया जा सकता। कल को कोई वेबसाइट इस्तेमाल कर कोई खबर प्रकाशित कर दे तो क्या हम सार्वजनिक रूप से उन सभी बातों का खुलासा करने लगेंगे।

एन राम की याचिका पर सुनवाई

पीठ में मुख्य न्यायाधीश एनवी रमण के अलावा जस्टिस सूर्यकांत और अनिरुद्ध बोस भी शामिल हैं। बता दें कि वरिष्ठ पत्रकार एन राम की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पेगासस जासूसी कांड की निष्पक्ष जांच के लिए याचिका दायर की गई है। एन राम के वकील कपिल सिब्बल पक्ष को रख रहे हैं।

 

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