नयी दिल्ली, एजेंसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को असम के पूर्ववर्ती अहोम साम्राज्य के जनरल लचित बोरफूकन को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि उन्हें पराक्रम व गौरव के पथप्रदर्शक के साथ ही असम की अनूठी संस्कृति के संरक्षक के रूप में याद किया जाता है।

उन्होंने एक ट्वीट में कहा, ‘‘ऑल लचित दिवस पर मैं बहादुर लचित बोरफूकन को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। उन्हें पराक्रम व गौरव के पथप्रदर्शक और असम की अनूठी संस्कृति के संरक्षक के रूप में व्यापक तौर पर याद किया जाता है। वह समानता, न्याय और सभी के लिए सम्मान के आदर्शों के प्रति समर्पित थे।’’

बोरफूकन असम के पूर्ववर्ती अहोम साम्राज्य में एक सेनापति थे। सरायघाट के 1671 के युद्ध में उनके नेतृत्व के लिए उन्हें पहचाना जाता है, जिसमें मुगल सेना का असम पर कब्जा करने का प्रयास विफल कर दिया गया था। इस विजय की याद में असम में 24 नवंबर को लचित दिवस मनाया जाता है। सरायघाट का युद्ध गुवाहाटी में ब्रह्मपुत्र नदी के तटों पर लड़ा गया था।

 

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