सहारनपुर, एजेंसी। बसपा सुप्रीमो मायावती ने जनता का आभार जताते हुए कहा कि बसपा अकेले ही अपने बूते पर चुनाव लड़ रही है। कहा कि भाजपा के तानाशाही, जातिवादी सरकार से मुक्ति दिलानी है। बसपा सर्वसमाज को साथ लेकर चलेगी। उन्होंने कहा कि सपा सरकार में दंगे हुए तो जाटों के साथ मुस्लिमों को नुकसान हुआ। सपा सरकार में भाईचारे को नुकसान हुआ। विकास भी एक विशेष क्षेत्र तक सिमटा था। मुसलमानों के साथ भी सपा सरकार ने सौतेला व्यवहार किया।
राष्ट्रीय शोक नहीं किया था
मायावती ने कहा कि कांग्रेस ने बाबा साहब आंबेडकर को भारत रत्न से सम्मानित नहीं किया। काशीराम के निधन के बाद एक दिन का राष्ट्रीय शोक नहीं किया था। कांग्रेस दलितों आदिवासियों की खातिर दलित प्रेम का नाटक करती है। कांग्रेस जब सत्ता में होती है तो उसे दलित की याद नहीं आती न महिला की याद आती है। कहा कि सपा, भाजपा सरकार में भी जनता दुखी है। सपा में गुंडा राज, दंगा कराने वालों का राज रहा। दंगे भी खूब हुए। मुजफ्फरनगर दंगा इसका उदाहरण है।
मुस्लिमों के टिकट पर सवाल
अपने संबोधन में मायावती ने कहा कि पुरे यूपी में कितने मुस्लिमों को सपा ने टिकट दिए हैं यह सबको पता है। उनको यह लगा कि मुसलमान तो मेरी जेब में हैं टिकट दें या न दें कोई फर्क नहीं पड़ता। सपा को मुस्लिमों को यह बता देना चाहिए कि मुस्लिम किसी की जेब मे नहीं है मुस्लिम उसके साथ जाएगा जो मुसलमानों को आगे बढ़ने का मौका देगा। बसपा ने सदैव मुस्लिमो को आगे बढाया है। सहारनपुर में अपने को मुस्लिमों का बड़ा नेता मानने वाले को खाली हाथ आना पड़ा।
दलितों के उत्पीड़न का लगाया आरोप
भाजपा पर निशाना साधते हुए मायावती ने कहा कि धर्म के नाम पर भाजपा ने नफरत का माहौल बनाया। दलित भाजपा में सुरक्षित नहीं हैं। सहारनपुर में भाजपा सरकार बनने पर सबसे पहले दलितों का उत्पीड़न हुआ। यहां शब्बीरपुर कांड हुआ। सरकार में आते ही भाजपा के दिमाग खराब हो गए। इस मसले को मैंने राज्यसभा में उठाया। सरकार के लोगों ने मुझे बोलने नहीं दिया। इसी मामले पर मैने राज्य सभा से इस्तीफा दिया था। कुछ दलित अपने स्वार्थों से भाजपा में गए। क्या वह शब्बीरपुर कांड भूल गए। भजपा के शासन मं अपराध काफी बढ़े हैं। दलित महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। सरकारी नौकरियों में आरक्षण का कोटा पूरा नहीं किया गया।