नयी दिल्ली, एजेंसी। दिल्ली उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर कर केंद्र और दिल्ली सरकार को कोविड-19 महामारी के दौरान ऑक्सीजन आपूर्ति की कमी और इस संक्रमण के कारण मरने वाले मरीजों के परिवारों को वित्तीय मुआवजा देने के लिए दिशा-निर्देश तैयार करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।
एक वकील द्वारा दायर याचिका में सुझाव दिया गया है कि उन परिवारों को राहत मुहैया कराने के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन निधि या पीएम केयर्स से मुआवजा दिया जाना चाहिए जिनके पास आय का कोई जरिया नहीं है क्योंकि अनेक परिवारों ने कोविड-19 से अपना कमाने वाला इकलौता सदस्य खो दिया।
वकील पूरव मिधा ने अपनी याचिका में कहा कि चूंकि कोविड-19 से मरने वाले लोगों की संख्या चिंताजनक स्तर तक बढ़ रही है तो सरकार को ऐसे परिवारों की मदद के लिए एक मुआवजा योजना बनानी चाहिए।
उन्होंने दावा किया कि अगर महामारी के दौरान ऑक्सीजन और दवाओं की कमी के कारण लोग मर रहे हैं तो सरकारों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए क्योंकि जन स्वास्थ्य व्यवस्था महामारी से पैदा हुई चुनौतियों से निपटने में नाकाम रही।