नई दिल्ली। कोरोना की दूसरी लहर ने अर्थव्यवस्था को तगड़ा झटका दिया है। महामारी की वजह से अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा है। कोरोना के कारण पिछले दो महीनों से कंपनियां, फैक्ट्रियां और उद्योग-धंधे बंद पड़े हैं। इससे औद्योगिक गतिविधियों में तेजी से गिरावट दर्ज की गई है। इसी बीच नीति आयोग ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर ने निश्चित तौर पर अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया है। नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा कि आरबीआई ने वित्त वर्ष 2021-2022 की जीडीपी अनुमान को 10.5% से घटाकर 9.5% कर दिया है। दूसरी लहर के चलते पहली तिमाही की अर्थव्यवस्था चरमरा गई है। इसमें सुधार की उम्मीद न के बराबर है।
समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत करते हुए आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने बताया कि जून से अर्थव्यवस्था में सुधार की उम्मीद है। हालांकि, अर्थव्यवस्था जिस रफ्तार से बढ़नी चाहिए उस अनुपात में तो नहीं बढ़ेगी, लेकिन स्थिति में सुधार जरूर आएगी। उन्होंने कहा कि कोविड की दूसरी लहर से देश बुरी तरह प्रभावित हुआ है। लोग इससे काफी सहमे और डरे हुए हैं, लेकिन टीकाकरण होने के बाद लोगों के अंदर से डर खत्म हो जाएगा और लोग अपने काम पर लौटेंगे ।
जीएसटी कलेक्शन से नुकसान की भरपाई
हालांकि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान जीएसटी कलेक्शन ने सरकार की तिजोरी भरने में अहम भूमिका अदा की है। नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने बताया कि दूसरी लहर राजकोषीय घाटे को ज्यादा प्रभावित नहीं की है। हालांकि थोड़ा असर तो जरूर देखा गया है, लेकिन इसकी भरपाई जीएसटी कलेक्शन ने कर दी है। उन्होंने कहा कि इस दौरान सरकार को अधिक निवेश करने, सार्वजनिक बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए बाध्य किया है। बता दें कि मार्च 2021 में जीएसटी कलेक्शन ने नए रिकॉर्ड बनाए हैं। जीएसटी कलेक्शन 26% बढ़कर 1.23 लाख करोड़ हो गया है।
दरअसल, कोरोना की दूसरी लहर को देखते हुए राज्यों में फिर से लॉकडाउन लागू है, जिसके चलते औद्योगिक गतिविधियों में कमी आने लगी है। फैक्ट्रियां और उद्योग-धंधे सब ठप हैं। लॉकडाउन के कारण बड़ी संख्या में मजदूर अपने-अपने राज्य लौट चुके हैं, ऐसे में सामानों की आपूर्ति पूरी तरह से बंद पड़ी है।