नयी दिल्ली, एजेंसी। पश्चिम बंगाल में शेष बचे चार चरणों के मतदान के मद्देनजर भाजपा ने अपने चुनावी अभियान को और तेज करने का फैसला किया है और इस बार उसने तृणमूल कांग्रेस के एक नेता द्वारा अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों के खिलाफ कथित तौर पर अपमानजनक शब्द का इस्तेमाल करने को मुद्दा बनाते हुए वहां की सत्ताधारी पार्टी के खिलाफ व्यापक विरोध प्रदर्शन की रणनीति बनाई है।

उल्लेखनीय है कि तृणमूल कांग्रेस की नेता सुजाता मंडल खान ने पिछले दिनों कथित तौर पर अनुसूचित जाति के लोगों की तुलना भिखारियों से की थी।

भाजपा महासचिव दुष्यंत गौतम के नेतृत्व में पार्टी नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को अनुसूचित जाति आयोग का दरवाजा खटखटाया और एक ज्ञापन सौंपकर सुजाता मंडल खान के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।

इस प्रतिनिधिमंडल में भाजपा सांसद सुनीता दुग्गल, हंसराज हंस और पार्टी के अनुसूचित जाति मोर्चे के अध्यक्ष लालसिंह आर्य भी शामिल थे।

तृणमूल कांग्रेस को ‘‘दलित विरोधी’’ करार देते हुए गौतम ने कहा कि पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी पार्टी के खिलाफ भाजपा व्यापक विरोध प्रदर्शन अभियान चलाएगी।

उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने (खान) जो कहा है वह बहुत ही अपमानजनक है। उन्होंने कहा था कि अनुसूचित जाति स्वभाव से भिखारी है। अनुसूचित जाति के लोग हमारी कल्याणकारी नीतियों की वजह से भाजपा का समर्थन कर रहे हैं। उन्होंने जो कहा वह तृणमूल कांग्रेस और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मानसिकता को दर्शाता है।’’

बनर्जी पर हमला करते हुए गौतम ने कहा कि पश्चिम बंगाल में अनुसूचित जाति आयोग भी नहीं है कि लोग वहां जाकर शिकायत कर सके।

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने समाज के सभी वर्गों के लिए काम किया है इसलिए उसे सभी का समर्थन मिल रहा है।

इससे पहले भाजपा नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने रविवार को इस मामले की शिकायत निर्वाचन आयोग से भी की थी।

पार्टी प्रतिनिधिमंडल ने निर्वाचन आयोग से कहा था कि खान की टिप्पणियां आदर्श आचार संहिता, भारतीय दंड संहिता एवं अनुसूचित जाति एवं जनजाति (उत्पीड़न रोकथाम) अधिनियम का उल्लंघन हैं।

प्रधानमंत्री अपनी चुनावी रैलियों में भी इस मुद्दे को जोरशोर से उठा रहे हैं और ममता बनर्जी सरकार को दलित विरोधी ठहरा रहे हैं।

पश्चिम बंगाल में आठ चरणों में मतदान संपन्न होना है। चार चरण के मतदान हो चुके हैं जबकि चार चरण अभी बाकी है। दो मई को चुनावी नतीजे आएंगे।

 

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