नई दिल्ली, एजेंसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को नेशनल पुलिस एकेडमी में IPS ऑफिसर्स से वर्चुअल तौर पर बातचीत की। उनके साथ अपने अनुभव साझा किए और उन्हें सलाह भी दी। पीएम मोदी ने कहा कि आपकी चुनौती क्राइम के नए तौर तरीकों को उससे भी ज्यादा बेहतर तरीके से रोकने की है। खासकर साइबर क्राइम को।

मोदी ने कहा कि आपको अनुशासित भारत का निर्माण करना होगा। देश ने इस संकल्प की सिद्धि के लिए आप जैसे युवाओं को चुना है। आप एक ऐसे समय पर करियर शुरू कर रहे हैं जब भारत हर क्षेत्र में ट्रांसफॉर्मेशन के दौर से गुजर रहा है। ऐसे में आपकी तैयारी आपकी मनोदशा इसी बड़े लक्ष्य के अनुकूल होनी चाहिए।

आपको समाज से फ्रेंडली होना है

पीएम ने कहा कि आपको पुलिस हेडक्वार्टर के भीतर ही नहीं सोचना है, आपको समाज से फ्रेंडली भी होना है। आपको वर्दी की मर्यादाओं को सर्वोच्च रखना है। यह भी याद रखना है कि आपकी सेवा देश के अलग-अलग जिलों में होगी। आप जो भी फैसले लें, उसमें राष्ट्रहित होना चाहिए। आपके काम का दायरा और समस्याएं अक्सर लोकल होंगी, उनसे निपटने में एक भारत श्रेष्ठ भारत का मंत्र काम आएगा।

मोदी ने कहा कि पुलिस में आ रही नई पीढ़ी का यह दायित्व है कि पुलिस के प्रति निगेटिव पर्सेप्सन बदले। सिस्टम आपको बदल देता है या आप सिस्टम को बदल देते हैं, यह आपकी ट्रेनिंग और मनोबल पर निर्भर करता है। आप किन संकल्पों को लेकर चल रहे हैं, वही मैटर करता है। आपकी एक और परीक्षा होगी और मुझे भरोसा है कि आप जरूर सफल होंगे।

75 साल में बेहतर पुलिस सेवा के निर्माण का प्रयास

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘बीते 75 सालों में भारत ने एक बेहतर पुलिस सेवा के निर्माण का प्रयास किया है। पुलिस ट्रेनिंग में भी हाल के वर्षों में बहुत सुधार हुआ है। मैं आज जब आपसे बात कर रहा हूं तो यह महसूस कर रहा हूं कि आप भारत में अगले 25 साल तक कानून-व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे।’

पीएम ने कहा कि 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में कमिश्नर प्रणाली लागू करने पर राज्य काम कर रहे हैं। अब तक 16 राज्यों के कई शहरों में यह व्यवस्था लागू की जा चुकी है। पुलिसिंग को फ्यूचरिस्टक और प्रभावी बनाने के लिए एकजुटता जरूरी है।

कोरोना के दौर में पुलिस का काम सराहनीय रहा

मोदी ने कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में पुलिस ने लोगों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम किया है। कई को कर्तव्यों को निर्वहन करते समय अपनी जान भी गंवानी पड़ी। मैं इन सभी जवानों को, पुलिस साथियों को आदर पूर्वक श्रद्धांजलि देता हूं और देश की तरफ से उनके परिवार के प्रति संवेदना प्रकट करता हूं।

देश को दांडी यात्रा जैसी संकल्प शक्ति की जरूरत

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में 1930 की दांडी यात्रा का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि उस समय गांधी जी ने सत्याग्रह से अंग्रेज शासन की नींव हिला दी थी। गांधी जी साबरमती आश्रम से दांडी के लिए निकल पड़े। वे जहां जहां से गुजरे लोग उनसे जुड़ते गए। जब वे दांडी पहुंचे तो पूरा हिंदुस्तान उनके साथ खड़ा हो चुका था। उस इच्छा शक्ति को याद कीजिए। इसी ललक और एकजुटता ने भारत की आजादी की लड़ाई को साहस से भर दिया था। आज देश वैसी ही संकल्प की शक्ति आप जैसे युवाओं से मांग रहा है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *