नई दिल्ली , एजेंसी : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को संसद में बजट भाषण पर चर्चा का जवाब दिया। इस दौरान उन्होंने फिर दामाद शब्द का इस्तेमाल करते हुए सोनिया और राहुल गांधी पर तंज कसा। उन्होंने राहुल गांधी को देश का नाश करने वाला आदमी बताया। उन्होंने कहा कि राहुल कई मुद्दों पर फर्जी कहानियां सुनाते हैं और वो ‘डूम्सडे मैन ऑफ इंडिया’ हैं यानी देश का नाश करने वाले व्यक्ति। निर्मला सीतारमण ने राज्यसभा में भी दामाद शब्द का इस्तेमाल किया था।
वित्त मंत्री ने राहुल गांधी के हम दो और हमारे दो वाले बयान पर भी जवाब दिया। उन्होंने कहा, ‘हम दो और हमारे दो का मतलब है- दो लोग पार्टी को संभालेंगे और दो अन्य लोग हैं, जिन्हें संभालना है यानी बेटी और दामाद। हम ऐसा नहीं करते हैं। हमने 50 लाख स्ट्रीट ट्रेडर्स को एक साल तक 10 हजार दिए। ये स्ट्रीट वेंडर्स किसी के घनिष्ठ मित्र नहीं हैं।’
निर्मला यहीं नहीं रुकीं। उन्होंने कहा, ‘जो लोग हम पर लगातार आरोप लगा रहे हैं कि हम करीबियों के लिए काम करते हैं, उन्हें बता दूं कि स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर योजना किसी करीबी के लिए नहीं है। उधर, दामादों को उन राज्यों में जमीनें बांटी गईं, जिनमें कभी कुछ पार्टियों का शासन था। जैसे राजस्थान हरियाणा में। हमारे करीबी कौन है? हमारी करीबी इस देश की आम जनता है।’
अपनी स्पीच में और क्या बोलीं निर्मला
महामारी में भी सुधार के काम किए: सीतारमण ने कहा, ‘महामारी में भी सरकार ने प्रोत्साहन और सुधार जैसे काम किए हैं। ऐसे चुनौतीपूर्ण हालात भी सरकार को इस देश में विकास को बनाए रखने के लिए आवश्यक सुधारों पर फैसले लेने से नहीं रोक सकती है। शशि थरूर यहां पर मौजूद हैं। केरल में जब उनकी पार्टी की सरकार थी तो इन लोगों ने एक करीबी को यहां बुलाया था। कोई टेंडर नहीं निकाला और एक पोर्ट डेवलपमेंट का काम दे दिया। और, ये लोग हमें क्रोनी कैपिटलिस्ट कहते हैं?’
स्वनिधि योजना से गरीबों को फायदा: उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना से गरीबों को फायदा हुआ है, दलितों और पिछड़ों को फायदा हुआ है। ये बजट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उन अनुभवों पर आधारित है, जब वे गुजरात के मुख्यमंत्री थे। ये बजट देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती देने वाला है। महामारी के बावजूद देश आत्मनिर्भर बनेगा। बजट में जिन रिफॉर्म्स का प्रावधान किया गया है, उसकी वजह से भारत के दुनिया की टॉप इकोनॉमी बनने का रास्ता साफ होगा।
कोरोना पर कंट्रोल की वजह से इकोनॉमी ने रफ्तार पकड़ी: उन्होंने कहा, ‘इस बजट में महामारी के बीच भी मौके की तलाश की गई है। दुनिया के कई देशों में कोरोना फिर से अपना प्रकोप दिखा रहा है। भारत में कोरोना पर कंट्रोल की वजह से इकोनॉमी ने रफ्तार पकड़ी है। हमने प्रधानमंत्री मोदी के लक्ष्य आत्मनिर्भर भारत की ओर कदम बढ़ाया है।’
कोरोना महामारी भी सरकार को सुधारों से नहीं रोक पाई: सीतारमण ने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण सरकार के सामने कई प्रकार की चुनौतियां थीं। सरकार ने इस आपदा को एक अवसर में बदल दिया। कोरोना महामारी जैसी चुनौतियां भी सरकार को उन सुधारों को करने से नहीं रोक पाईं, जो अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने एवं देश की दीर्घकालिक प्रगति को बनाए रखने के लिए आवश्यक हैं।
जरूरत पड़ी तो ग्रामीण रोजगार के लिए ज्यादा फंड देंगे: वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ग्रामीण रोजगार बढ़ाने पर फोकस कर रही है। यदि जरूरत पड़ी तो सरकार ग्रामीण रोजगार को बढ़ावा देने वाली मनरेगा जैसी योजनाओं के लिए और फंड देगी। वित्त वर्ष 2021-22 के बजट में मनरेगा के लिए 73 हजार करोड़ रुपए का फंड आवंटित किया गया है।