गुवाहाटी : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज असम में हैं। यहां के शिवसागर जिले में उन्होंने एक लाख से ज्यादा लोगों को जमीन का पट्‌टा देने की शुरुआत की। पट्‌टे मिलने के बाद ये लोग जमीन के मालिक बन गए।राज्य की भाजपा सरकार ने मई 2016 से लेकर अब तक 2.28 लाख लोगों को जमीन के पट्टे बांटे हैं। राज्य में विधानसभा चुनाव से पहले PM का दौरा अहम माना जा रहा है।

कार्यक्रम के दौरान मोदी ने कहा कि हम सभी ऐसी संस्कृति के ध्वजवाहक हैं, जहां जमीन घास-मिट्टी-पत्थर के रूप में नहीं देखी जाती। हमारी जमीन हमारी मां है। भूपेन हजारिका ने कहा था- ऐ धरती माता मुझे अपने चरणों में जगह दीजिए। आपके बिना खेती करने वाला क्या करेगा। मिट्टी के बिना वो असहाय होगा।

मोदी के भाषण की खास बातें

मूल निवासियों से जुड़ने की कोशिश

आज असम के एक लाख से ज्यादा मूल निवासी परिवारों को भूमि का स्वामित्व मिलने से उनके जीवन की बड़ी चिंता दूर हो गई है। आज असम की मिट्टी से प्यार करने वाले असम के मूल निवासियों के जुड़ाव को कानूनी संरक्षण दिया है। यह ऐतिहासिक काम शिवसागर के चेरंगा पठार पर हो रहा है। यह जयमती की बलिदान भूमि है।

पिछली सरकारों पर निशाना

असम में जब हमारी सरकार बनी, तो यहां 6 लाख मूल निवासी परिवार ऐसे थे, जिनके पास कानूनी कागजात नहीं थे। पहले की सरकारों की प्राथमिकता में ये काम नहीं था। सर्बानंद सोनोवाल की सरकार ने इस दिशा में काम किया। आज असम की सभ्यता सुरक्षित रखने के साथ भूअधिकार कानून को संरक्षित करने का काम किया जा रहा है।

किसानों से जुड़ी योजनाओं का फायदा

बीते सालों में सवा दो लाख से ज्यादा मूल निवासी परिवारों को जमीन के पट्टे दिए जा चुके हैं। अब इसमें एक लाख परिवार और जुड़ जाएंगे। जमीन का पट्टा मिलने से मूल निवासियों की मांग तो पूरी हुई है, साथ ही लाखों लोगों का जीवन बेहतर होने का रास्ता भी बना है। अब इन्हें भी किसान क्रेडिट कार्ड, किसान बीमा योजना और अन्य योजनाओं का लाभ मिल सकेगा। ये लोग कारोबार के लिए लोन ले पाएंगे।

कोरोना की वैक्सीन लगवाने की अपील

असम अब स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में भी आगे बढ़ रहा है। कोरोना को हैंडल करने के लिए यहां की जनता और सरकार को बधाई देता है। उम्मीद है कि वैक्सीनेशन को भी यहां अच्छे से आगे बढ़ाया जाएगा। जिसकी भी बारी आएगी, वो टीका लगवाएगा। टीके की दोनों डोज लगावाना बहुत जरूरी है। हमें टीका भी लगवाना है और सावधानी भी रखनी है।

दौरे से पहले CAA के विरोध में प्रदर्शन

PM के दौरे से पहले ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (AASU) ने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ प्रदर्शन किया। संगठन ने CAA के अलावा पर्यावरण प्रभाव आंकलन अधिनियम (EIA) को रद्द करने की मांग कर मशाल जुलूस निकाला। उनका कहना था कि राज्य में असम एकॉर्ड की धारा छह पर समिति की रिपोर्ट को लागू किया जाए। यह धारा मूल निवासियों के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा करती है।

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