कोहिनूर के शेप में बनेगा ड्रीम सिटी स्टेशन

-सूरत मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए लाइन-1 का ड्रीम सिटी स्टेशन कोहिनूर हीरे के आकार में बनाया जाएगा। यहीं से मेट्रो प्रोजेक्ट का भूमि पूजन किया जा रहा है।

-यह स्टेशन लगभग 4500 वर्गफीट एरिया में बनेगा। स्टेशन दो मंजिला होगा। पहली मंजिल पर टिकट काउंटर, वेटिंग स्पेस, चेक इन गेट होंगे। दूसरी मंजिल पर दो प्लेटफॉर्म होंगे।

-स्टेशन की क्षमता एक बार में 1500 यात्रियों को संभालने की होगी। थर्ड रेल इलेक्ट्रिसिटी सिस्टम स्टेशन एरिया में इंस्टाल किया जाएगा। इसी से मेट्रो ट्रेन का संचालन होगा। इस सिस्टम में मेट्रो ट्रेन ओवरहेड -वायर की बजाय पटरियों के समानांतर बनी लाइन से बिजली लेगी।

अहमदाबाद/सूरत  :  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को अहमदाबाद मेट्रो के फेज-2 और सूरत मेट्रो प्रोजेक्ट का भूमि पूजन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए किया। मोदी ने कहा कि इन प्रोजेक्ट्स से देश के दो बड़े कारोबारी केंद्रों की कनेक्टिविटी और मजबूत होगी।

मोदी से भाषण की प्रमुख बातें

दुनिया के 10 में से 9 हीरे सूरत में तराशे जाते हैं

मोदी ने कहा कि हमारे शहरों की आज की क्या जरूरत है और आने वाले 10-12 साल में क्या जरूरत होगी, इस विजन को लेकर काम कर रहे हैं। पहले सूरत की चर्चा प्लेग के लिए होती थी, अब स्थिति बदल रही है। हमने हर उद्योग को गले लगाने वाली सूरत स्पिरिट पर बल दिया है। यह दुनिया का सबसे तेज विकसित होता शहर है। मैन मेड फैब्रिक का ज्यादातर प्रोडक्शन यहीं होता है। हीरा तराशने के लिए विख्यात है। दुनिया के 10 में से 9 हीरे सूरत में तराशे जाते हैं।

  1. सूरत में झुग्गियों में रहने वाले 20% से घटकर 6% रह गए

यह देश का दूसरा सबसे स्वच्छ शहर है। यह बेहतर प्लानिंग और संपूर्णता की सोच के साथ संभव हो पाया है। सूरत की 20% आबादी झुग्गियों में रहती थी, अब यह आंकड़ा 6 फीसदी रह गया है। बीते सालों में सूरत में बेहतरीन अस्पताल बनाए गए। यहां ईज ऑफ लिविंग बेहतर हुई। एक भारत-श्रेष्ठ भारत का बेहतर उदाहरण यहां देख सकते हैं। देश के कई इलाकों से लोग यहां भाग्य चमकाने आए हुए हैं।

  1. गांधीनगर की पहचान अब युवाओं से है

गांधीनगर की पहचान पहले सरकारी नौकरी करने वालों और रिटायर्ड लोगों के सुस्त क्षेत्र की बन गई थी। पिछले कुछ सालों में यहां की छवि बदली। अब यहां कहीं भी जाएं, युवा और सपनों का अंबार दिखेगा। IIT, लॉ यूनिवर्सिटी, पेट्रोलियम यूनिवर्सिटी, धीरूभाई इंस्टीट्यूट जैसे अनगिनत इंस्टीट्यूट हैं। इन संस्थानों से शिक्षा के क्षेत्र में परिवर्तन नहीं आया, बल्कि कैंपस आए और रोजगार के मौके बढ़े।

  1. प्राचीनता को बरकरार रखते हुए अहमदाबाद को आधुनिक बनाया

थिंकर्स, लीडर्स, बिजनेसमैनों के यहां आने के कारण नई दिशा भी मिली है। गांधीनगर जीवंत हो गया है। अहमदाबाद में भी अनेक ऐसी योजनाएं हैं जो शहर की पहचान बन चुकी हैं। BRT, मोटेरा का स्टेडियम, साबरमती रिवर फ्रंट बीते सालों में बने हैं। शहर की प्राचीनता बरकरार रखते हुए आधुनिक बनाया गया है। अहमदाबाद और सूरत को मुंबई से जोड़ने वाली बुलेट ट्रेन का काम भी जोरों पर है।

  1. गुजरात के 80% घरों में नल से पानी पहुंच रहा

आज गुजरात के हर गांव में पानी पहुंच चुका है। 80% घरों में नल से पानी पहुंच रहा है। बहुत जल्द गुजरात के हर घर तक नल से जल पहुंचने वाला है। पीने के लिए नहीं, सिंचाई के लिए वहां पानी पहुंचा, जहां कभी ये असंभव माना जाता था। गुजरात को हरित करने के लिए व्यापक काम किया गया। मां नर्मदा का पानी सुदूर कच्छ तक पहुंच रहा है।

  1. गुजरात में आज सौर ऊर्जा का भी पर्याप्त भंडार

गुजरात में कभी बिजली की भी भारी समस्या थी। आज यहां पर्याप्त बिजली के साथ सौर ऊर्जा का भी भंडार है। कुछ दिन पहले दुनिया के सबसे बड़े रिन्यूएबल एनर्जी प्लांट पर काम शुरू हुआ है। किसानों को सिंचाई के लिए अलग से बिजली देने वाला गुजरात देश का पहला राज्य बन रहा है।

  1. दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीन प्रोग्राम शुरू किया, देश तेजी से आगे बढ़ रहा

आज भारत आत्मविश्वास के साथ फैसले ले रहा है। उन पर अमल भी कर रहा है। भारत सिर्फ बड़ा ही नहीं, बेहतर भी कर रहा है। सबसे बड़ी प्रतिमा भारत में है, दुनिया का सबसे बड़ा अफोर्डेबल हाउस प्रोजेक्ट भारत में ही चल रहा है। हाल ही में दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीन प्रोग्राम शुरू किया गया। ये सब दिखाता है कि देश तेजी से आगे बढ़ रहा है।

अहमदाबाद मेट्रो के फेज-2 में दो कॉरिडोर बनेंगे

अहमदाबाद मेट्रो रेल प्रोजेक्ट फेज-2 की लंबाई 28.25 किमी होगी। इसमें दो कॉरिडोर होंगे। पहला कॉरिडोर मोटेरा स्टेडियम से महात्मा मंदिर तक 22.8 किमी का जबकि, दूसरा GNLU से गिफ्ट सिटी तक 5.4 किमी लंबा होगा। फेज-2 के काम में 5,384 करोड़ रुपए खर्च होंगे।

सूरत में 2024 में मेट्रो चलने की उम्मीद

सूरत मेट्रो रेल प्रोजेक्ट 40.35 किमी का होगा। इसमें भी दो कॉरिडोर होंगे। पहला- सरथाना से ड्रीम सिटी तक 21.61 कमी का, जबकि दूसरा- भेसन से सारोली तक 18.74 किमी का होगा। इसे बनाने में 12,020 करोड़ रुपए खर्च होंगे। सूरत मेट्रो प्रोजेक्ट का ऐलान 2012 में किया गया था। उम्मीद है कि 2024 में 3 कोच के साथ मेट्रो ट्रैक पर दौड़ने लगेगी।

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