केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत देश को मैन्यूफैक्चरिंग हब बनाया जा रहा है। मोबाइल मैन्यूफैक्चरिंग के मामले में भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश बन गया है।
नई दिल्ली, । केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत देश वैश्विक अर्थव्यवस्था का एक अहम साझेदार बनने की राह पर है। वे मंगलवार को इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आइएएमएआइ) द्वारा आयोजित 15वीं इंडिया डिजिटल समिट को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने आत्मनिर्भर भारत अभियान को वैश्विक पटल पर देश की बढ़ती साझेदारी के तौर पर व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत का मतलब केवल खुद का विकास करना नहीं है। डिजिटल इंडिया के जरिये देश में डिजिटल विभाजन को पाटने का काम किया जा रहा है। सच्चे अर्थ में आम जनता को डिजिटल इंडिया के माध्यम से सशक्त बनाना ही इसका मुख्य लक्ष्य है।
प्रसाद ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत देश को मैन्यूफैक्चरिंग हब बनाया जा रहा है। मोबाइल मैन्यूफैक्चरिंग के मामले में भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश बन गया है। वर्ष 2014 में जहां मोबाइल मैन्यूफैक्चरिंग की केवल दो फैक्ट्रियां थीं, वहीं अब इनकी संख्या 268 पर पहुंच गई है। इसे और गति देने के उद्देश्य से ही उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआइ) योजना चलाई गई है।
इससे आकर्षित होकर कई दिग्गज बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने आवेदन किया है। योजना के तहत भारत में मोबाइल एवं इससे जुड़े उपकरण बनाने वाली कंपनियों का कारोबार अगले पांच वर्षो में 10 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच जाने की उम्मीद है। इनमें से 70 फीसद को निर्यात लक्ष्य के अंतर्गत रखा गया है। मोबाइल, स्मार्टफोन के अलावा देश को लैपटॉप, मशीन-टू-मशीन उपकरण, इंटरनेट आधारित उपकरणों का बड़ा मैन्यूफैक्चरिंग हब बनाने की तैयारी भी चल रही है।