नई दिल्ली, एजेंसी : कोविड-19 के नए ओमिक्रॉन वैरिएंट का प्रकोप जारी है और इस बार भी कोरोना के साये में देश का आम बजट पेश होने वाला है। आगामी 1 फरवरी 2022 को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगी। इससे पहने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने वित्त मंत्री को आर्थिक ग्रोथ के लिए अहम सुझाव दिए हैं। उन्होंने कहा कि ग्रोथ के लिए पॉलिसी में बदलाव करने की जरूरत है।

अर्थव्यवस्था में सुधार को कड़वी दवा जरूरी

रघुराम राजन ने कहा कि कोरोना महामारी के प्रकोप से बेहाल हो चुकी अर्थव्यवस्था को पटरी पर वापस लाने के लिए कड़वी दवा देना जरूरी है। एक साक्षात्कार के दौरान उन्होंने घरेलू अर्थव्यवस्था की दशा और दिशा के बारे में कई बातें कीं। उन्होंने कहा कि हमें इंक्रेमेंटल बजटरी पॉलिसी के रास्ते पर चलना जल्द अब बंद करना होगा। इसका मतलब हर साल केंद्रीय बजट में अलग-अलग क्षेत्रों के लिए प्रस्तावों से है। उन्होंने यह भी कहा कि हमें सिर्फ मैन्युफैक्चरिंग और कृषि जैसे क्षेत्रों की फिक्र करने की सोच को बदलना होगा।

चुनौती से निपटने को रास्ता तलाशना होगा

राजन ने कहा कि उनका मानना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था की मौजूदा स्थिति को देखते हुए न तो बहुत ज्यादा आशावादी और न ही बहुत निराशावादी होने की जरूरत है। इस वक्त सबसे जरूरी आम लोगों और बाजार का भरोसा बरकरार रखना है। बीते दो सालों से अर्थव्यवस्था पर कोरोना महामारी का काला साया मंडरा रहा है, ऐसे में देश की आर्थिक ग्रोथ को वापस पटरी पर लाना सबसे बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा कि इस चुनौती से पार पाने के लिए सिर्फ ज्यादा खर्च करने की जरूरत नहीं है बल्कि इससे निपटने के लिए इसके सटीक रास्ता निकालना बेहद जरूरी है।

कमजोर प्रदर्शन वाली योजनाओं को बढ़ावा

पूर्व आरबीआई गवर्नर ने मनरेगा के लिए फंडिंग बढ़ाने पर जोर देते हुए कहा कि हमें आर्थिक ग्रोथ के लिए मनरेगा समेत ऐसे सभी क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देना होगा, जो कि कमजोर प्रदर्शन कर रहे हैं। हमें टेलीमेडिसीन, टेली लैयरिंग और एडुटेक जैसे नए क्षेत्रों पर जोर देना होगा। इनसे जुड़ी इंडस्ट्री को सिर्फ फंडिंग की जरूरत नहीं है बल्कि उनके लिए डाटा प्रोटेक्शन के बेहतर नियम जरूरी हैं, जो ग्लोबल स्टैंडर्ड्स के होने चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें सिर्फ मैन्युफैक्चरिंग और कृषि के बारे में सोचने के बजाय इस वक्त डिमांड बढ़ाने वाले उपायों पर फोकस करना होगा।

छोटे रोजगार के अवसरों से मिलेगा लाभ

उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें इंफ्रास्ट्रक्चर को अपनी प्राथमिकता बना सकती हैं। हालांकि, यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि राज्य सरकारें जो कर सकती हैं, वह उन्हें करना चाहिए। ऐसा करने से छोटे रोजगार के अवसर पैदा होंगे, जिसकी वर्तमान समय में सबसे अधिक जरूरत है। इसके अलावा स्टील, कॉपर, सीमेंट जैसी चीजों की डिमांड बढ़ाने के भी उपाय करना बहुत आवश्यक हैं। इससे देश की आर्थिक ग्रोथ को गति मिलेगी।

 

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