नई दिल्ली, एजेंसी। यूके समेत कई यूरोपियन देशों के बाद अब एशिया में भी डेल्टा वेरिएंट का एक सब-लीनिएज फैल रहा है। रूस और इजरायल से डेल्टा स्ट्रेन के एक सब-वेरिएंट के मामले पता चले हैं। AY.4.2 नाम के इस सब-वेरिएंट को मूल डेल्टा वेरिएंट से 10-15% ज्यादा संक्रामक बताया जा रहा है। हालांकि अभी विशेषज्ञ यही कह रहे हैं कि इसके बड़े पैमाने पर फैलने की संभावना कम है मगर टेस्ट चल रहे हैं। अगर ज्यादा मामले सामने आते हैं तो विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की ओर से इस सब-वेरिएंट को ‘वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ की लिस्ट में शामिल किया जा सकता है।
क्या है AY.4.2? बाकियों से कितना अलग?
AY.4.2 असल में डेल्टा वेरिएंट के एक सब-टाइप का प्रस्तावित नाम है। इसे दुनियाभर के कई देशों में पाया गया है। इसके स्पाइक प्रोटीन में दो म्यूटेशन Y145H और A222V हैं। एक्सपर्ट्स के अनुसार, दोनों म्यूटेशंस कई अन्य लीनिएज में भी मिले हैं, मगर उनकी फ्रीक्वेंसी कम रही है। जुलाई 2021 में यूके के एक्सपर्ट्स ने AY.4.2 की पहचान की। एक अनुमान के मुताबिक, इस नए सब-टाइप की यूके के नए मामलों में 8-9% की हिस्सेदारी है।
एक्सपर्ट्स के अनुसार, नया सब-वेरिएंट अल्फा और डेल्टा के मुकाबले में ‘कुछ भी नहीं’ है। इसी वजह से वह मानकर चल रहे हैं कि यह महामारी की चाल को ज्यादा प्रभावित नहीं करेगा। एक रिपोर्ट के अनुसार संक्रामक बीमारियों के विशेषज्ञ विलियम शाफनर ने कहा कि अभी दुनिया को कई सारे वेरिएंट्स देखने को मिलेंगे। उन्होंने कहा कि ‘अब जो कुछ भी होगा वह डेल्टा से आएगा।’
बचने का क्या है तरीका?
कोविड-19 के किसी भी वेरिएंट से बचने का तरीका वही है। खुद को पूरी तरह वैक्सीनेट कराइए। भले ही कोई वेरिएंट वैक्सीन के सुरक्षा कवच को भेज दे, मगर वह मौत के खतरे को काफी कम कर देगी। कुछ देशों में इन्फेक्शन पर कंट्रोल के लिए बूस्टर शॉट भी दिया जा रहा है। इसके अलावा कोविड समुचित व्यवहार बेहद जरूरी है।