नयी दिल्ली, एजेंसी :   उच्चतम न्यायालय में आश्चर्यजनक खुलासा करते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसने यहां एक ‘‘गुप्त भूमिगत कार्यालय’’ का पता लगाया है जिसका संचालन पूर्ववर्ती यूनिटेक संस्थापक रमेश चंद्रा द्वारा किया जा रहा है तथा उसके पुत्रों-संजय चंद्रा और अजय चंद्रा ने पैरोल या जमानत पर रहने के दौरान इसका दौरा किया।

चंद्रा पिता-पुत्र और यूनिटेक के खिलाफ धनशोधन के आरोपों की जांच कर रहे ईडी ने कहा कि संजय और अजय दोनों ने समूची न्यायिक हिरासत को निरर्थक कर दिया क्योंकि वे जेल के भीतर से खुलेआम अपने अधिकारियों से संपर्क करते रहे हैं और उन्हें निर्देश देते रहे हैं तथा अपनी संपत्तियों से संबंधित मामले निपटाते रहे हैं।

न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एम आर शाह की पीठ को ईडी की ओर से पेश हुईं अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल माधवी दीवान ने बताया कि चंद्रा पिता-पुत्र ने अपने निर्देश बाहरी दुनिया तक पहुंचाने के लिए जेल के बाहर अपने अधिकारियों की नियुक्ति कर रखी है।

उन्होंने पीठ से कहा, ‘‘हमारे छापेमारी और जब्ती अभियानों में से एक के दौरान हमने एक गुप्त भूमिगत कार्यालय का पता लगाया है जिसका इस्तेमाल रमेश चंद्रा द्वारा किया जा रहा है और उसके बेटों ने पैरोल या जमानत पर जेल से बाहर रहने के दौरान इसका दौरा किया।’’

दीवान ने कहा, ‘‘हमने कार्यालय से सैकड़ों बिक्री दस्तावेज, सैकड़ों डिजिटल हस्ताक्षर और भारत तथा विदेश में उनकी संपत्तियों के संबंध में संवेदनशील जानकारी से युक्त अनेक कंप्यूटर बरामद किए हैं।’’

उन्होंने कहा कि जांच एजेंसी ने अदालत में सीलबंद लिफाफे में दो स्थिति रिपोर्ट दायर की हैं और यूनिटेक लिमिटेड की भारत तथा विदेश में स्थित 600 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्ति अस्थायी रूप से कुर्क की है।

जांच में सामने आए तथ्यों पर सुनवाई करने के बाद उच्चतम न्यायालय ने यूनिटेक के पूर्व प्रर्वतकों-संजय चंद्रा और अजय चंद्रा को दिल्ली स्थित तिहाड़ जेल से मुंबई के ऑर्थर रोड जेल व तलोजा जेल भेजने का आदेश दिया तथा दिल्ली पुलिस आयुक्त से कहा कि वह मामले में मिलीभगत को लेकर तिहाड़ जेल के अधिकारियों के आचरण की तत्काल व्यक्तिगत रूप से जांच शुरू करें और चार सप्ताह के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करें।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *