नयी दिल्ली, एजेंसी। उच्चतम न्यायालय ने फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (एफआरएल) को रिलायंस रिटेल के साथ हुए 24,731 करोड़ रुपए के विलय सौदे के संबंध में राष्ट्रीय कंपनी न्याय न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) की अनुमति की प्रक्रिया की दिशा में आगे बढ़ने की इजाजत लेने के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय के पास जाने की मंगलवार को छूट दे दी।

प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूति हिमा कोहली की पीठ ने कहा, ‘‘हम एफआरएल को एनसीएलटी के समक्ष कार्यवाही जारी रखने का अनुरोध करने के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय के पास जाने की छूट देते हैं।… हम (उच्च न्यायालय के) एक न्यायाधीश से आदेश पारित करने का अनुरोध करते हैं।’’

पीठ ने कहा कि उच्च न्यायालय को इस मामले में उसके आदेश में की गई टिप्पणियों से प्रभावित हुए बिना एफआरएल की याचिका पर विचार करना चाहिए।

इससे पहले, शीर्ष अदालत ने एनसीएलटी के समक्ष विलय सौदे की प्रक्रिया जारी रखने का अनुरोध करने वाली एफआरएल की यााचिका पर तीन फरवरी को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था।

न्यायालय ने विलय के सौदे संबंधी दिल्ली उच्च न्यायालय के तीन आदेशों को एक फरवरी को निरस्त कर दिया था। इन आदेशों में वह आदेश भी शामिल है, जिसमें 24,731 करोड़ रुपए के विलय सौदे पर आगे बढ़ने से एफआरएल को रोकने वाले मध्यस्थ के फैसले पर रोक लगाने से इनकार किया गया था।

अमेजन, रिलायंस रिटेल के साथ एफआरएल के विलय का विरोध कर रही है, जिसके कारण अमेरिका की कंपनी और फ्यूचर समूह के बीच एक साल से कानूनी लड़ाई जारी है।

 

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