नई दिल्ली, एजेंसी : वरिष्ठ कांग्रेस नेता और मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम कमल नाथ ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार और मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार पर जमकर हमला बोला है। कमल नाथ ने कहा कि केंद्र की निष्ठुर किसान विरोधी सरकार गूंगी-बहरी बनी हुई है। अभी तक 600 से अधिक किसानों की मौत हो चुकी है। इसके बावजूद भी यह सरकार तानाशाही रवैया अपनाते हुए किसानों का दमन कर रही है। इन कानूनों को वापस नही ले रही है। कांग्रेस पार्टी अन्नदाताओ के साथ है, उनके हर संघर्ष में उनके साथ खड़ी है।
कांग्रेस नेता कमल नाथ ने बयान जारी कर कहा कि तीन कृषि कानूनों को लेकर हमारे किसान भाइयों के आंदोलन को 300 दिन से अधिक हो गए हैं लेकिन ये निष्ठुर किसान विरोधी सरकार आज तक गूंगी-बहरी बनी हुई है। किसानों पर थोपे गए यह तीन काले कानून हमारे कृषि क्षेत्र को बर्बाद कर देंगे, बड़े औद्योगिक घरानों के आगे कृषि क्षेत्र को गिरवी रख देंगे। इन काले कानूनों से एमएसपी खत्म होगी, मंडी व्यवस्था ख़त्म होगी, जमाखोरी और कालाबाज़ारी को बढ़ावा मिलेगा। अनुबंध की खेती से किसानो को मजदूर बनाने का प्रयास है। किसानों को अपने हक़ की सुनवाई के लिये दर-दर भटकना होगा। जो कानून किसानों के लिए लाए गए हैं। उसका देशभर के किसान ही सड़कों पर खुला विरोध कर रहे हैं। अभी तक 600 से अधिक किसानो की मौत हो चुकी है। इसके बावजूद भी यह सरकार तानाशाही रवैया अपनाते हुए किसानों का दमन कर रही है। इन कानूनों को वापस नही ले रही है। कांग्रेस अन्नदाताओ के साथ है, उनके हर संघर्ष में उनके साथ खड़ी है।
कमलनाथ ने शिवराज पर बोला हमला
मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम कमल नाथ ने मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह चौहान पर हमला बोला है। कमलनाथ ने कहा कि मध्यप्रदेश में खुद को किसान पुत्र बताने वाले शिवराज सिंह की यह कैसी किसान विरोधी तानाशाह सरकार? प्रदेश के कृषि मंत्री के क्षेत्र हरदा में किसानों से बिजली बिल वसूली के लिए किसानों के खाते सीज कर दिए, इतना ही नहीं इन किसानों के खसरे के कॉलम नंबर 12 में भी बकाया राशि की एंट्री की जा रही है। किसानों से वसूली का यह कैसा तानाशाही तरीका। एक तरफ तो सरकार ने 2020 की राहत व बीमा राशि खातों में ट्रांसफर नहीं की, दूसरी तरफ जब अपनी मूंग की फसल बेचने के बाद किसानों के खाते में रुपए आये तो यह आदेश निकाल दिया गया।
पूर्वी केंद्रीय मंत्री कमल नाथ ने आगे कहा कि सरकार के इस आदेश के बाद किसान बीज, खाद, कटाई, मजदूरी का भुगतान नहीं कर पा रहे हैं क्योंकि उनके खाते होल्ड कर दिए गए हैं। यह वही शिवराज सिंह की सरकार है जो विपक्ष में कहते थे कि बिल ज्यादा आये तो मत भरो, यदि कोई बिजली काट देगा मैं खुद उसे जोड़ने आऊंगा, बिजली बिलों की होली जलाते थे, धरने-प्रदर्शन करते थे और आज इनकी सरकार में किसानों से अपराधियों की तरह दमनकारी व्यवहार कर रहे हैं।
मैं सरकार से मांग करता हूं कि वसूली के इस बेतुके व तानाशाही निर्णय को तत्काल वापस लिया जाए। किसानों को उनकी पूर्व की बकाया राहत व बीमा राशि का पहले भुगतान किया जाए। उनके खाते होल्ड पर से हटाए जाएं अन्यथा कांग्रेस चुप नहीं बैठेगी, इस मामले पर किसानों के साथ सड़क पर आंदोलन करेगी।
