नई दिल्ली, एजेंसी।  स्काईरूट एयरोस्पेस और अग्निकुल स्पेस टेक्नोलॉजी स्टार्टअप, अंतरिक्ष विभाग (DoS) के साथ करार किया है। इस समझौते के तहत स्टार्टअप कंपनियां विभिन्न ISRO (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) केंद्रों पर कई परीक्षण और एक्सेस सुविधाएं हासिल कर सकती है। इसरो और स्टार्टअप कंपनी के बीच हुए समझौते के तहत अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने कंपनी को 3डी प्रिंटेड सेमी क्रायो इंजन और अन्य प्रणालियों के परीक्षण और योग्यता के लिए विभिन्न इसरो केंद्रों के इस्तेमाल करने की भी अनुमति दी है, जहां कंपनी को कई परीक्षण और एक्सेस सुविधाएं मिलने की संभावना है।

आईआईटी-मद्रास, चेन्नई के राष्ट्रीय दहन अनुसंधान एवं विकास केंद्र में स्थित अग्निकुल को अपने अंतरिक्ष प्रक्षेपण वाहन प्रणालियों और उप प्रणालियों के परीक्षण और योग्यता के लिए इसरो की तकनीकी विशेषज्ञता का लाभ उठाने के लिए तैयार किया गया है।  इसरो के वैज्ञानिक उमामहेश्वरन ने बताया कि अंतरिम इन स्पेस समिति के अध्यक्ष और स्काईरूट एयरोस्पेस के सीईओ पवन चंदना की ओर हस्ताक्षर किए गए थे। बता दें कि In-space भारत में अंतरिक्ष गतिविधियों को करने के लिए निजी संस्थाओं को ताकतवर बनाने के लिए अंतरिक्ष विभाग (DOS)के तहत एक नियामक और प्राधिकरण निकाय है।

अत्याधुनिक सुविधा तैयार करने के लिए इसरो ने युवा वैज्ञानिकों की तारीफ की

इधर इसरो के चेयरमैन के सिवन ने अत्याधुनिक सुविधा की स्थापना के लिए युवा टीम की सराहना की, जिसमें एकीकृत थर्मल उच्च वैक्यूम परीक्षण सुविधाएं, उत्प्रेरक रिएक्टर, प्रणोदक तैयारी सुविधाएं और विशेष उच्च तापमान कोटिंग सुविधाएं जैसे उपकरण शामिल हैं।

 

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