नई दिल्ली, एजेंसी।  देश में कोरोना की तीसरी लहर की संभावना को देखते हुए एम्स के निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने कहा कि जैसा कि हम अब कोरोना की तीसरी लहर और डेल्टा प्लस वैरिएंट के लिए तैयार हैं, तो ऐसे में ये देखना बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है कि हम क्या कर सकते हैं।

उन्होंने कहा कि हमें आगे बढ़ना होगा और ये देखना होगा कि हम कैसे अपने सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग को और मजबूत कर सकते हैं। इसके अलावा डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने इस बात का भी जिक्र किया है कि कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए हमें बीते समय में मिले सबक से सीखना होगा।

स्वास्थ्य प्रणाली को करना होगी दुरुस्त

एम्स के निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने यह भी कहा कि स्वास्थ्य सुविधाओं को इसलिए दुरुस्त नहीं करना है, क्योंकि मौजूदा समय में महामारी चल रही है। हमें स्वास्थ्य सुविधाओं पर इसलिए भी ध्यान देना है क्योंकि पिछले 15 सालों ने भविष्य के लिए हमें क्या दिखाया है, हमें महामारी और संक्रमण के लिए पहले से ही खुद को तैयार रखना होगा।

स्वास्थ्य नीति में बदलाव का समय

डॉक्टर गुलेरिया ने कहा कि प्राथमिक स्वास्थ्य स्तर पर लोगों को दवाई और इलाज की सुविधा देने के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य नीति को तैयार किया गया है। इस नीति का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण इलाकों में भी, जिनको जरूरत है उन्हें बेहतर हेल्थकेयर सुविधाएं देना है।

उन्होंने आगे कहा कि इस बदलते समय में, हमें हमारे सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली को बदलना होगा। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सुुविधाओं की बात करें, तो आयुष्मान भारत-पीएमजेवाई जैसे कदम से गरीब और पिछले लोगों को आसानी से स्वास्थ्य सुविधाएं मिलने लगी हैं।

 

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