नई दिल्ली, एजेंसी  : कोरोना की दूसरी लहर की वजह से देश में बने हालात पर विपक्ष ने मोदी सरकार पर हमला तेज कर दिया है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने बुधवार को केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सरकार ISI से बात कर सकती है। वे दुबई में उससे बातचीत कर रहे हैं, लेकिन उनके पास देश में विपक्ष से बात करने का समय नहीं है। उन्होंने कहा कि हर विपक्षी पार्टी इन हालातों में केंद्र को रचनात्मक और सकारात्मक सुझाव दे रही है। ऐसे में उन्हें इन पर विचार-विमर्श करना चाहिए।

न्यूज एजेंसी से खास बातचीत में उन्होंने कहा कि मनमोहन सिंह 10 साल तक देश के प्रधानमंत्री रहे हैं। सभी जानते हैं कि वे कितने सुलझे हुए और सम्मानित व्यक्ति रहे हैं। अगर वे ऐसे समय सुझाव दे रहे हैं, जब देश महामारी की खतरनाक लहर से जूझ रहा है तो सुझावों पर मर्यादापूर्वक और सम्मान के साथ अमल किया जाना चाहिए।

चुनाव प्रचार के लिए सरकार को कोसा

उन्होंने कहा कि इन दिनों हर कोई सिर्फ चुनाव प्रचार में व्यस्त है। रैलियों में वे स्टेज पर हंसते हुए दिखाई देते हैं। देश की जनता रो रही है। मदद की गुहार लगा रही है। ऑक्सीजन, बेड, दवाइयां मांग रही है और आप रैलियां कर रहे, हंस रहे। आप ऐसा कैसे कर सकते हैं।

प्रियंका के मोदी सरकार पर बड़े आरोप

पहली लहर के बाद तैयारी नहीं की: आज देशभर से रिपोर्ट आ रही हैं कि बेड, ऑक्सीजन, रेमडेसिविर, वेंटिलेटर की कमी है। पहली वेव और दूसरी वेव के बीच हमारे पास तैयारी करने के कई महीने थे। भारत की ऑक्सीजन प्रोडक्शन कैपेसिटी दुनिया में सबसे बड़ी है, ऑक्सीजन को ट्रांसपोर्ट करने की सुविधा नहीं बनाई गई।

वैक्सीन में भारतीयों को प्राथमिकता नहीं: सरकार ने जनवरी से मार्च महीने में कोरोना वायरस की 6 करोड़ वैक्सीन निर्यात की और इसी समय में 3-4 करोड़ भारतीयों को वैक्सीन दी। आपने भारतीयों को प्राथमिकता क्यों नहीं दी?

निर्यात की वजह से इंजेक्शन की कमी हुई: कितनी बड़ी त्रासदी है कि देश में ऑक्सीजन उपलब्ध है लेकिन जहां पहुंचना चाहिए वहां पहुंच नहीं पा रहा है। पिछले 6 महीने में 1.1 मिलियन रेमडेसिविर इंजेक्शन का निर्यात हुआ है और आज हमारे पास इंजेक्शन की कमी है।

सरकार अपना काम नहीं कर रही: हर जगह से ऐसी रिपोर्ट आ रही हैं कि समझ में ही नहीं आ रहा कि ये सरकार क्या कर रही है? शमशान घाटों पर इतनी भीड़ लगी है, लोग कूपन लेकर खड़े हैं। हम इस स्थिति में सोच रहे हैं कि हम क्या करें। जो सरकार को करना चाहिए था, वो सरकार नहीं कर रही है।

संसाधनों को इस लड़ाई में लगाया जाए: मैं सकारात्मक तरीके से कह रही हूं कि भगवान के लिए सरकार कुछ करे। उनके पास जितने संसाधन हैं उन्हें वो कोरोना की लड़ाई में लगाएं। अगर केंद्र सरकार अपना मन बनाए, तो अभी भी ऑक्सीजन की सुविधा बनाई जा सकती है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *