नयी दिल्ली, एजेंसी :  विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने बुधवार को लोकसभा में कहा कि व्यक्ति के शरीर में ऑक्सीजन, रक्तचाप आदि मानकों को मापने के लिए ‘कोविड बीप’ और संसद में लगाये गये यूवी-सी विषाणुशोधन उपकरण जैसी अनेक स्वदेशी प्रौद्योगिकी कोरोना वायरस से निपटने की दिशा में विकसित की गयी हैं।

सिंह ने लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान पूरक प्रश्नों का उत्तर देते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने कोरोना महामारी के दौरान अनेक स्वदेशी तकनीकों के विकास पर काम किया है जिनमें एक उपकरण ‘कोविड बीप’ है। इसमें कोविड का संदर्भ ‘सतत ऑक्सीजन संबंधी महत्वपूर्ण सूचना उपकरण’ से भी है।

केंद्रीय मंत्री ने वाईएसआर कांग्रेस पार्टी की चिंता अनुराधा के पूरक प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा कि परमाणु ऊर्जा विभाग के वैज्ञानिकों द्वारा विकसित पूर्ण स्वदेशी उपकरण ‘कोविड बीप’ के अनेक परीक्षण और प्रस्तुतिकरण किये गये हैं और इसके उपयोग को बढ़ावा देने के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि कलाई में बांधे जाने वाले और आसानी से कहीं भी ले जाये जा सकने वाले इस उपकरण से व्यक्ति के शरीर में ऑक्सीजन स्तर के साथ ही शरीर का तापमान, रक्तचाप, हृदय गति आदि मापी जा सकती है और ईसीजी भी किया जा सकता है।

सिंह ने कहा कि इसका उपयोग घरों के साथ ही अस्पतालों में भी रोगी की निगरानी के लिए किया जा सकता है। मंत्री ने बताया कि ऐसे 500 से अधिक उपकरण की आपूर्ति रेडक्रॉस सोसाइटी, केरल को की गयी है। ऋषिकेश एम्स ने इन उपकरणों को खरीदा है, वहीं सौ से अधिक उपकरण ईएसआईसी (कर्मचारी राज्य बीमा निगम) अस्पतालों में इस्तेमाल किये जा रहे हैं।

सिंह के अनुसार श्रम और रोजगार मंत्रालय ने 10 हजार से अधिक ‘कोविड बीप’ उपकरणों का ऑर्डर दिया है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय को भी इस परियोजना से जोड़ा जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस विशिष्ट और किफायती उपकरण के अनेक ट्रायल किये गये हैं और अस्पतालों में प्रस्तुतिकरण दिये गये हैं।

एक अन्य पूरक प्रश्न का उत्तर देते हुए जितेंद्र सिंह ने बताया कि संसद भवन के अंदर लोकसभा और केंद्रीय कक्ष में विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय तथा जैवप्रौद्योगिकी मंत्रालय के सहयोग से एक यूवी-सी एयर डक्ट विसंक्रमण प्रणाली (डिसइंफेक्शन सिस्टम) या यूवी-सी विषाणुशोधन उपकरण लगाया गया है जो एयर कंडीशन से आने वाली हवा को शुद्ध करता है।

इस प्रौद्योगिकी को केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय से संबद्ध वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) द्वारा विकसित किया गया है।

सार्स-सीओवी-2 के हवा में संचरण को कम करने के लिए बनाई गई तकनीक को शुरू में सेंट्रल हॉल, लोकसभा कक्ष और समिति कक्ष (कमेटी रूम) 62 और 63 में स्थापित किया गया है।

 

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