नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी है जिसमें हाई कोर्ट ने कहा था कि कोविड होने की आशंका और मौत का डर अग्रिम जमानत का ग्राउंड हो सकता है। हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को इस मामले में हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश में की गई टिप्पणी पर रोक लगा दी है लेकिन हाई कोर्ट द्वारा आरोपी को दिए गए बेल पर रोक नहीं लगाई है। यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में इलाहबाद हाई कोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी थी जिसमें हाई कोर्ट ने कहा है कि कोविड होनो की आशंका हो तो अग्रिम जमानत के लिए ये ग्राउंड हो सकता है।
सुप्रीम कोर्ट में यूपी सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि हाई कोर्ट ने ठगी के आरोपी को अग्रिम जमानत दी है और ये जमानत कोविड के कारण दी गई है। हाल के फैसले में हाई कोर्ट ने कहा था कि राज्य के पास तैयारियों की कमी है, ऐसे में जो भी शख्स गिरफ्तार होता है उसे कोरोना होने का डर है। कोरोना का जो डर है वह अग्रिम जमानत का ग्राउंड बनेगा।
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा था कि अगर आरोपी को आशंका है कि कोरोना फैल सकता है। अगर वह कोरोना की चपेट में आ सकता है और गिरफ्तारी के बाद या पहले भी इस बात की आशंका है कि कोरोना वायरस फैल सकता है और पुलिस के कॉन्टैक्ट में आने के बाद ये फैल सकता है या फिर जेल कर्मियों के संपर्क में आने से फैल सकता है या आशंका इसके उलट हो तो ये अग्रिम जमानत का वैलिड ग्राउंड हो सकता है। हाई कोर्ट ने कहा था कि अति विशेष परिस्थितियों में अति विशेष उपचार की जरूरत पड़ती है। कानून को उसी तरह से व्याख्या करने की जरूरत है। सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के उक्त आदेश पर रोक लगा दी है।

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