नई दिल्ली, एजेंसी।  सेंट्रल विस्टा प्लान के तहत नए संसद भवन के निर्माण का काम जोर पकड़ेगा तो क्या उधर से गुजरने वाले रास्ते बंद हो जाएंगे? क्या आसपास की पुरानी इमारतें गिरा दी जाएंगी? कुछ दिनों से ये सवाल हवा में तैर रहे हैं। आज राज्यसभा में जब ये सवाल पहुंचे तो शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह ने विस्तार से जवाब दिया। उन्होंने अपने जवाब में कांग्रेस पार्टी को भी लपेटा और कुछ बिल्डिंगे गिराने की मजबूरी की जिम्मेदारी उसी पर थोप दी।

पुरी ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल सरकार के हलफनामे का जिक्र करते हुए राज्यसभा में कहा कि नए केंद्रीय सचिवालय के निर्माण के दौरान कोई भी ऐतिहासिक बिल्डिंग नहीं गिराई जाएगी। इस बारे में जो नरैटिव पेश किया जा रहा है, वह गलत है। उन्होंने कहा कि कुछ बिल्डिंग गिराई जाएंगी, लेकिन वे तभी गिराई जाएंगी तब वैकल्पिक ऑफिस तैयार हो जाएंगे। आप जो समझ रहे हैं कि सारा शहर रुक जाएगा। तो ऐसा नहीं होना जा रहा है। संसद भी चलती रहेगी।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कृषि भवन, शास्त्री भवन, निर्माण भवन जैसी बिल्डिंगें अगर गिराई भी जाएंगी तो आपके (कांग्रेस पर निशाना साधते हुए) कारण, क्योंकि आपने यह स्तरहीन इमारतें तैयार की हैं। हम अब इन्हें बेहतर बनाएंगे। उन्होंने कहा कि 2022 में जब देश की आजादी के 75 वर्ष पूरे होंगे तब हमारा शीत सत्र संसद के नए भवन में आयोजित होगा।

दरअसल, कांग्रेस सांसद अमी याज्ञिक ने पूछा था कि सरकार ने सेंट्रल विस्टा प्रॉजेक्ट पर सुप्रीम कोर्ट में कई हलफनामे बदले, आखिर सच्चाई क्या है? इस पर पुरी ने कहा कि जान-बूझकर ऐसा नैरेटिव खड़ा किया जा रहा है। उन्होंने कहा, “90 एकड़ जमीन पर बने सारे ऑफिस कस्तूरबा गांधी मार्ग और अफ्रीका एवेन्यू में शिफ्ट किए जाएंगे। इसके बाद भी अगर कोई बिल्डिंग गिराने की जरूरत होगी तो उसके पहले वहां के दफ्तर दूसरी जगह तैयार कर लिए जाएंगे तब।”

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *